
लखनऊ | उत्तर प्रदेश सरकार विकास कार्यों को अधिकारियों के वार्षिक चरित्र प्रविष्टि (एसीआर) से जोड़ने पर विचार कर रही है। कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग की ओर से इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल ने पिछले दिनों प्रदेश भर के सीडीओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विकास कार्यों की समीक्षा की थी। इसमें दो महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए थे।
पहला, जिन जिलों में उत्कृष्ट कार्य किया गया है, वहां के अभिनव प्रयोगों की तरह दूसरे जिले भी विभिन्न कार्यों में अभिनव प्रयोग के लिए पहल करें। दूसरा, जवाबदेही तय करने के लिए विकास कार्यों के मूल्यांकन को संबंधित अधिकारियों की वार्षिक चरित्र प्रविष्टि में शामिल कर दिया जाए।
अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग ने इस समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों को कार्यवाही के लिए अब संबंधित अधिकारियों को भेज दिया है। इसमें विकास कार्यों के मूल्यांकन को अधिकारियों की वार्षिक चरित्र प्रविष्टि से जोड़ने की बात शामिल है।
ये निर्देश शासन स्तर पर बेसिक शिक्षा, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, वन, कृषि, ऊर्जा, बाल विकास एवं पुष्टाहार, महिला कल्याण, सिंचाई, समाज कल्याण, सहकारिता, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, लघु सिंचाई, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, पशुधन, उद्यान, व्यावसायिक शिक्षा, श्रम, खाद्य एवं रसद, खादी ग्रामोद्योग व दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिवों व प्रमुख सचिवों को भेजे गए हैं।