नोएडा अथॉरिटी की बोर्ड मीटिंग 21 दिसंबर को लखनऊ में


 

 

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लखनऊ : नोएडा अथॉरिटी की 191 वीं बोर्ड मीटिंग इस बार लखनऊ में होने जा रही है। 28 साल में यह दूसरा मौका है जब अथॉरिटी की बोर्ड बैठक लखनऊ में होगी। इससे पहले 1988 में तत्कालीन नोएडा चेयरमैन बृजेंद्र सहाय के कार्यकाल में यह मीटिंग राजधानी में हुई थी। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह नोएडा अथॉरिटी की आखिरी बोर्ड मीटिंग है। इसमें कई महत्वपूर्ण फैसलों पर जनता की निगाहें टिकी हैं। इसमें किसानों को पांच पर्सेंट आबादी के विकसित प्लॉट के अलॉटमेंट के साथ-साथ बाकी बचे पांच फीसदी के बदले जमीन के बजाय पेमेंट देने का प्रावधान शामिल किया जा रहा है। इनके अलावा नोएडा-ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो प्रोजेक्ट में वित्तीय मदद से जुड़ा प्रस्ताव भी बोर्ड में शामिल किया जा सकता है।

नोएडा अथॉरिटी की बोर्ड बैठक को लेकर 20 दिनों से अटकलें चल रही थीं। पहले यह बैठक 9 दिसंबर को होनी थी। बाद में इसकी डेट 12 दिसंबर कर दी गई। तब ईद-ए-मिलाद की वजह से 12 दिसंबर को हुई छुट्टी के बाद बोर्ड बैठक की डेट 19 दिसंबर तय की गई। अब 21 दिसंबर को इसकी डेट फाइनल की गई है। अथॉरिटी के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो बोर्ड बैठक में इस बार 16 से 20 प्रस्ताव रखे जाएंगे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव किसानों को पांच पर्सेंट प्लॉट देने की नीति पर बोर्ड की मुहर लगाने का होगा। इसमें दस पर्सेंट जमीन में से पांच फीसदी जमीन के बदले में उन्हे पेमेंट करके जमीन खरीदने का प्रस्ताव होगा। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को दस फीसदी जमीन देने का आदेश दिया था। अथॉरिटी इस पर चुनावों की घोषणा से पहले आधिकारिक रूप से मोहर लगाकर वंचित किसानों को जमीन व पेमेंट करना चाहती है।

इसके अलावा अथॉरिटी सेक्टर 80-81 में मौजूदा मास्टरप्लान में तय लैंडयूज में संशोधन के प्लान का प्रस्ताव लेकर जा रही है। यहीं नहीं सेक्टर 123 व 148 में दो सबस्टेशन के निर्माण से जुड़े फाइनैंशल प्रस्ताव को भी बोर्ड में रखा जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि सेक्टर-156 और 157 दो नए इंडस्ट्रियल सेक्टरों से जुड़ा प्रस्ताव भी इस बार बोर्ड में रखा जा सकता है। इसके साथ कुछ अन्य प्रस्ताव भी हैं, जिनमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बीच नए मेट्रो ट्रैक की संशोधित डीपीआर व वित्तीय मदद से जुड़ा प्रस्ताव भी शामिल किया जा रहा है ताकि इस प्रोजेक्ट पर अन्य कार्यों की प्रोसेस शुरू की जा सके।

चूंकि नोएडा अथॉरिटी के चेयरमैन रमारमण लखनऊ में हैं और ज्यादातर बोर्ड सदस्य लखनऊ में हैं, इस लिहाज से यह बैठक वहां रखी गई है।

पी.के. अग्रवाल, सीईओ, नोएडा अथॉरिटी


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