पहले दिन की बैठक में देश के कई हिस्सों में राजनीतिक पुरोधाओं और समाज सुधारकों की प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाने की खबरों के बीच RSS ने आंतरिक संघर्ष और सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने की घटनाओं को” काफी निंदनीय करार दिया। आरएसएस ने कहा कि संवैधानिक एवं विधिक प्रणाली के दायरे में नजरिया पेश किया जाना चाहिए।
बीजेपी के वैचारिक मार्गदर्शक आरएसएस ने तीन साल में एक बार होने वाले अपने सम्मेलन में सरकार्यवाह भैयाजी जोशी की ओर से पेश की गई अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, ” समाज में आंतरिक संघर्ष सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। ऐसी घटनाओं में हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान काफी निंदनीय है। आरएसएस ने कहा, ” हमारी चिंता यह होनी चाहिए कि न्यायिक एवं सुरक्षा प्रणाली के प्रति सम्मान एवं विश्वास नहीं टूटे। बहरहाल, रिपोर्ट में प्रतिमाएं तोड़े जाने की घटनाओं का जिक्र नहीं किया गया।