कलमबंद भूख हड़ताल पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकत्री


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लखनऊ। पूर्व घोषित आन्दोलन के कार्यक्रमानुसार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने आज से जवाहर भवन में जहवाहर प्रतिमा के नीचे कलमबंद भूख हड़ताल शुरू कर दी है। भूख हड़ताल के पहले दिन जनपद बांदा की पदाधिकारी क्रमशः सुषमा श्रीवास्तव, ममता वर्मा, मीना कुशवाहा, ललिता और गीता गुप्ता ने भूख हड़ताल शुरू की । ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहायिका संघ सात सूत्रीय मांगों को लेकर आन्दोलनरत कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं ने 21 जून को धरना स्थल लक्ष्मण मेला मैदान हजारों की संख्या में सहायिकाएं पहुंचकर जोरदार धरना एवं प्रदर्षन किया था। इसके उपरान्त जैसे ही वे पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार एनेक्सी की ओर रैली के लिए रवाना होने वाली थी षासन के प्रतिनिधियों ने उन्हें रोक लिया और उनकी वार्ता शासन स्तर पर राज्य मंत्री बाल विकास पुष्टाहार कैलाष चौरसिया एवं प्रमुख सचिव बाल विकास पुष्टाहार डिम्पल वर्मा से वार्ता कराई थी और आष्वासन मिला था कि एक माह में समस्याओं का निदान कर दिया जाएगा।
कलमबंद भूख हड़ताल को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष किरन वर्मा एवं महामंत्री कमलेश यादव ने प्रदेश सरकार हमारी अग्नि परीक्षा न ले। कलमबंद हड़ताल पूरे प्रदेश में चलेगी और यह तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी मांगों का समाधान नही हो जाता। उन्होंने कहा कि 21 जून को राज्य मंत्री और प्रमुख सचिव ने वार्ता के दौरान मांगों पर शीघ्र ही मुख्यमंत्री से वार्ता कर मांगों का निस्तारण करने तथा जिलाधिकारियों को यह निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया कि ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं से बीएलओ सहित अन्य विभागों के कार्य न लिये जाने के लिए आदेश जारी कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एक माह का समय दिया जाए उनकी अधिकत्तर मांगों का निस्तारण होगा। इस दौरान प्रमुख सचिव ने भी इनके अल्प वेतन की वकालत मंत्री से की थी। उ.प्र. आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहायिका संघ की अध्यक्ष किरन वर्मा और महामंत्री कमलेश यादव ने संयुक्त रूप कहा कि प्रदेश सरकार को ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं की उपेक्षा मंहगी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमारे संवर्ग से पूरी तरह से सरकारी काम लिया जा रहा है लेकिन हमें न तो सरकारी दर्जा दिया जा रहा है न ही भरपेट भोजन ही मिल पा रहा है। छोटी छोटी मांगों के निस्तारण के लिए हमारा संवर्ग लगातार संघर्श कर रहा है लेकिन न तो निदेषक हमारी मांगों को सुन रहे है न ही सरकार सुन रही है।
उन्होंने कहा कि उ.प्र. आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहायिका संघ की सात सूत्रीय मांग पत्र पर लगातार पत्राचार और ज्ञापन दिये जा चुके है। मुख्य मांगों में कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को राज्य कर्मी का दर्जा,कार्यकत्रियों को 15 हजार तथा सहायिकाओं को 7.500 वेतनमान, मिनी आंगनबाडी कार्यकत्री को 15.000 रुपये, आंगनबाड़ी केन्द्रो में ग्रीष्म कालीन अवकाश, कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को सेवानिवृति पर पेंशन, मुख्य सेविकाओं के रिक्त पदों पर तत्काल पदोन्नति, कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को पॉच-पॉच लाख का बीमा,कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के मानदेय में प्रतिवर्ष 25 प्रतिशत की वृद्धि और हॉड कुक्ड योजना के तहत प्रत्येक केन्द्र में गैस कनेक्शन की मांग शामिल है।

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