बीसीसीआई अध्‍यक्ष शशांक मनोहर का इस्‍तीफा


2016_5$largeimg210_May_2016_164801477

नयी दिल्ली : शशांक मनोहर ने स्वर्गीय जगमोहन डालमिया के स्थान पर दूसरी बार बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के केवल सात महीने के बाद आज इस पद से त्यागपत्र दे दिया क्योंकि उनका आईसीसी को पहला स्वतंत्र चेयरमैन बनना तय है. मनोहर ने ऐसे समय में अपना पद छोड़ा है जबकि बोर्ड को उच्चतम न्यायालय से नियुक्त लोढा पैनल की सुधार संबंधी सिफारिशों का पालन करने के निर्देश दिये गये हैं.

मनोहर ने ठाकुर को संबोधित पत्र में लिखा है, ‘‘मैं भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष पद से तुरंत प्रभाव से त्यागपत्र देता हूं. मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और एशियाई क्रिकेट परिषद में बीसीसीआई के प्रतिनिधि के रुप में भी तुरंत प्रभाव से अपना इस्तीफा देता हूं जिनके लिये मुझे बीसीसीआई की आम सभा ने नामित किया था. मैं अपने सभी साथियों और स्टाफ का मेरे कार्यकाल के दौरान उनके सहयोग के लिये आभार व्यक्त करता हूं.

क्रिकेट को उंचाईयों पर पहुंचाने के लिये मैं आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं. ‘ विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर इस महत्वपूर्ण पद पर आसीन हो सकते हैं. आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला और महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और व्यवसायी अजय शिर्के भी पद की दौड़ में हैं. बीसीसीआई नियमों के अनुसार विशेष आम सभा (एसजीएम) की बैठक 15 दिन के अंदर बुलानी होगी. एजीएम बुलाना सचिव ठाकुर के अधिकार क्षेत्र में आता है.

नियमों के अनुरुप मनोहर ने आईसीसी चेयरमैन पद भी छोड़ दिया है क्योंकि वह क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था में बीसीसीआई प्रतिनिधि के रुप में थे और देश के बोर्ड अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने का मतलब है कि वह आईसीसी चेयरमैन नहीं रह सकते थे. उनका कार्यकाल जून 2016 में समाप्त हाना था. इसके बाद उनका आईसीसी के पहले स्वतंत्र चेयरमैन का पद संभालना तय है. आईसीसी बोर्ड ने जिन बदलावों की सिफारिश की है उनके अनुसार 58 वर्षीय मनोहर किसी क्रिकेट बोर्ड के प्रतिनिधि नहीं होंगे.

यही नहीं आईसीसी बोर्ड के दो स्वतंत्र सदस्यों को उनके नाम की सिफारिश करनी होगी. बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार मनोहर उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे थे लेकिन न्यायालय के गर्मियों की छुट्टियों के बाद फिर से खुलने के बाद यह फैसला आएगा और विदर्भ का यह वकील इंतजार नहीं करना चाहता था. बीसीसीआई के एक शीर्ष प्रशासक ने कहा, ‘‘हम सभी को अनुमान था शशांक बीसीसीआई पद से इस्तीफा देंगे.

हमें इस बहस में नहीं पडना चाहिए कि उन्होंने एक डूबते जहाज को मझधार में छोड़ दिया या नहीं और क्या ऐसे समय में जब बीसीसीआई मुश्किल दौर से गुजर रहा है तब यह विवेकपूर्ण फैसला है. ‘ बीसीसीआई के अधिकतर सदस्यों को उम्मीद थी कि मनोहर सितंबर 2017 में अपना कार्यकाल समाप्त होने तक बोर्ड की छवि सुधारने की प्रकिया जारी रखेंगे लेकिन उनका आईसीसी के ज्यादा सहज पद संभालने के फैसले ने सभी हैरान हैं.


Scroll To Top
Translate »