बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू, देसी के साथ विदेशी भी बैन


 

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पटना |  बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हो गई है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद अब शहरों में भी शराब के सेवन और कारोबार पर पूर्ण प्रतिबंध लग गया है। गांवों में देसी, मसालेदार  और विदेशी शराब की बिक्री व उपयोग पर 01 अप्रैल से ही रोक लग गई थी। बीते 30 मार्च को विधानमंडल द्वारा पारित बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक में शराबबंदी का उल्लंघन करने पर कठोर सजा के प्रावधान किए गए हैं।

कैबिनेट के निर्णय के तत्काल बाद निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी की अधिसूचना जारी कर दी। इसमें कहा गया है कि बिहार उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 19 (4) में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्य सरकार तात्काल प्रभाव से पूरे राज्य में किसी अनुज्ञाधारी (लाइसेंसी) या किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी शराब के थोक या खुदरा व्यापार व उपभोग पर रोक लगाती है। राज्य के तमाम होटलों, बार, रेस्टोरेंट आदि में भी शराब की बिक्री या उपभोग नहीं होगा। सरकार के इस निर्णय से केवल सेना की कैंटीन अछूती रहेगी। नगर निगम व नगर परिषद में बिहार स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन द्वारा खोली जा रही विदेशी शराब की दुकानों को भी कैबिनेट के निर्णय के बाद तत्काल बंद कर दिया गया।

हाट-बाजार मेें ताड़ी की बिक्री नहीं
राज्य में हाट-बाजार या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर ताड़ी की बिक्री नहीं होगी। विभागीय अधिसूचना एक अप्रैल 1991 के निर्णय को प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। उस निर्णय के तहत ताड़ी की बिक्री दुकान, हाट-बाजार या बाजार के प्रवेश स्थल, शहरी क्षेत्र के अस्पताल, स्टेशन, बस पड़ाव, रेलवे यार्ड, राष्ट्रीय या राजकीय उच्च पथ, धार्मिक स्थानों, पेट्रोल पम्प के 50 मीटर के दायरे में नहीं की जाएगी।  एससी/एसी की बस्ती व सघन आबादी वाले इलाकों में भी ताड़ी की बिक्री नहीं होगी। वहीं ताड़ी से जुड़े लोगों की जीविका बचाने के लिए कैबिनेट ने समेकित योजना बनाने के लिए उद्योग विभाग को नोडल विभाग बनाने को मंजूरी दी। पेशे से जुड़े लोगों के कल्याण के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई गई है।

बिहार शराबबंदी में मिसाल बनेगा। पूर्ण शराबबंदी होते ही यह ड्राई स्टेट हो गया है। हमें वैसी आमदनी नहीं चाहिए, जिससे लोगों को जीवन की कीमत चुकानी पड़े। राजस्व नुकसान की भरपाई अन्य करों से होगी। लोग अब शराब पर खर्च होने वाले पैसों का इस्तेमाल शिक्षा, स्वास्थ्य सुधार, जीवन स्तर को बेहतर करने में करेंगे।– नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
सरकारी कर्मियों ने ली शराब नहीं पीने की शपथ
राज्य सरकार के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों ने मंगलवार को शराब नहीं पीने की शपथ ली। इनमें मुख्यसचिव अंजनी कुमार सिंह के अलावा अन्य आईएएस अफसर से लेकर चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी तक शामिल थे। तमाम विभागों और सरकारी कार्यालयों में दिन के 11 बजे सामूहिक शपथ हुई।

मुख्य सचिवालय के साथ ही सभी विभागों, प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी, अनुमंडल और ब्लॉक कार्यालयों में अधिकारी और कर्मचारी एक जगह इकट्ठा हुए और शराब नहीं पीने की शपथ ली। सरकारी कर्मियों ने बल्कि दूसरों को शराब नहीं पीने के लिए प्रेरित करने का भी संकल्प लिया। इससे पहले सोमवार को बिहार पुलिस ने शराब नहीं पीने का संकल्प लिया था। उधर, विधानसभा के उपभवन स्थिति सभागार में विस के प्रभारी सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने शराब नहीं पीने का संकल्प लिया।


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