नई दिल्ली| उत्तर प्रदेश में अगर अाज की तारीख में चुनाव कराए जाएं तो मायावती की बसपा 185 सीटों के साथ प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. हालांकि यह 403 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत से 17 सीट कम है. ऐसे में बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए मायावती की बसपा को गठबंधन की जरूरत होगी. गौर हो कि उत्तर प्रदेश में 2017 में चुनाव होने वाले हैं.
एक निजी समाचार चैनल के साथ सर्वे में एजेंसी नीलसन ने अपने रिसर्च के बाद दावा किया गया है कि यूपी के कुल 403 सीटों पर मार्च 2016 में चुनाव हो तो बसपा को 185 सीट मिल सकती है. इस सर्वे में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर भाजपा है और इसे 120 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. जबकि सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी को 80 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. अापकाे बता दें कि मौजूदा विधानसभा में सपा के 228, बसपा के 80 और भाजपा के पास 42 विधायक हैं.
19 फरवरी से 1 मार्च के बीच उत्तर प्रदेश के 61 सीटों पर किये गये सर्वे में कुल 19 हजार 572 वोटरों की राय लेने की बात कही गयी है. इस सर्वे में भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल को 120 सीटें मिलने की बात कही गयी है. कांग्रेस और आरएलडी को सर्वे में नुकसान की बात कही गयी है. साल 2012 में कांग्रेस के 29 और आरएलडी के 8 विधायक बने थे. दोनों दलों को इस बार एक साथ 13 सीटें मिलने का अनुमान है.
प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की पसंद में कड़ी टक्कर के बावजूद अखिलेश यादव पर मायावती भारी पड़ती दिख रही हैं. 31 फीसदी लोग मायावती तो 30 फीसदी ने अखिलेश यादव के साथ है. वहीं, स्मृति ईरानी 4 फीसदी और प्रियंका गांधी 2 फीसदी लोगों की पसंद साबित हुई हैं.
सर्वे के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनाव में लोगों के बीच बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरेगी. 29 फीसदी लोगों ने इसे सबसे बड़े चुनावी मुद्दे के तौर पर कबूल किया है. वहीं महंगाई को 22 फीसदी, भ्रष्टाचार को 17 फीसदी व गरीबी को 15 फीसदी लोगों ने सबसे बड़ा मुद्दा बताया है. सर्वे के मुताबिक अयोध्या, मथुरा और काशी में मंदिर निर्माण के बारे में 47 फीसदी ने कहा कि यह धार्मिक मुद्दे चुनाव में यह नहीं चल सकेगा. हालांकि 34 फीसदी लोगों के मुताबिक यह चुनावी मुद्दा हो सकता है.