लखनऊ। आजादी के बाद यह पहला मौका है जब किसी महिला पुलिस अधिकारी को राजधानी का एसएसपी बनाया गया है। लखनऊ की नई एसएसपी मंजिल सैनी ने बुधवार को कार्यालय पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया। पदभार संभालते हुए उन्होंने कहा कि राजधानी में अपराध नियंत्रण एक चुनौती है। अपराधियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जायेगा। मंजिल ने कहा किसी भी मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जायेगा।
शासन ने सोमवार को अचानक लम्बे पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए थे। इसी क्रम में लखनऊ के एसएसपी राजेश कुमार पाण्डेय को डीजीपी आफिस अटैच कर दिया गया था। उनके स्थान पर इटावा की एसएसपी मंजिल सैनी को राजधानी की कप्तान बनाए जाने का ट्वीट मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दिया गया था। लेकिन महज तीन घंटे बाद ही ट्वीट डिलीट कर तीन घंटे के भीतर मंजिल सैनी का तबादला रोक दिया गया था। लेकिन मंगलवार दोपहर फिर सीएम ऑफिस से ट्वीट के जरिये कहा गया की लखनऊ की एसएसपी मंजिल सैनी होंगी। आजादी के बाद यह पहला मौका है जब किसी महिला पुलिस अधिकारी को शहर का एसएसपी चुना गया है।
19 सितंबर 1975 को दिल्ली में जन्मी मंजिल सैनी ने शुरूआत की पढ़ाई दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कालेज से की। इसके बाद दिल्ली स्कूल आफ इकोनामिक्स से मंजिल ने नसिर्फ मास्टर डिग्री हासिल की बल्कि गोल्ड मेडल भी हासिल किया। वर्ष 2005 बैच की आईपीएस अधिकारी मंजिल सैनी इसके पहले इटावा, मुजर फरनगर, बंदायू, मथुरा समेत आधा दर्जन से ज्यादा जनपदों में बतौर पुलिस कप्तान तैनात रहीं। इटावा में वह बीते एक साल से बतौर एसएसपी तैनात हैं। ट्रेनिंग पूरी करने के महज छह माह के भीतर ही मुरादाबाद में तैनाती के दौरान गुड़गांव के बहुचर्चित किडनी रैकेट का भंडाफोड़ करने वाली मंजिल सैनी को लेडी सिंघम कहा जाता है। इटावा में भी एक सपा विधायक को कानून का पाठ पढ़ाने को लेकर मंजिल ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। कुछ समय पहले सैफई में सीएमअखिलेश यादव ने उनके कामकाज की जमकर तारीफ की थी। जिसके बाद शासन स्तर पर मंजिल सैनी के एसएसपी लखनऊ बनाए जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था। मंजिल सैनी ने बहुत विपरीत परिस्थितियों में सिविल सेवा की परीक्षा पास की थी। सफलता मिलने के बाद एक इंटरव्यू में मंजिल सैनी ने स्वीकार किया था कि जब उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा दी थी उस समय वह प्रेगनेंट थी।