लखनऊ। प्राकृतिक जल स्रोतों का समुचित संरक्षण नहीं हुआ तो धरती जीवविहीन हो जायेगी। अन्धाधुन्ध दोहन होने से भूगर्भ जल का निरन्तर गिरता स्तर चिन्ताजनक है।
उक्त विचार आज पूज्य श्रीमहन्त देव्या गिरि जी महाराज ने व्यक्त किये। मौका था आई.टी.चैराहा के निकट विश्वविद्यालय मार्ग पर मनकामेश्वर मठ-मन्दिर द्वारा स्थापित शीतल जल सेवा कैम्प के शुभारम्भ का। विश्व जल दिवस की पूर्व संध्या पर वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य श्रीमहन्त जी ने शीतल जल सेवा का शुभारम्भ किया तथा उपस्थित लोगों को जल पिलाया।
उन्होंने कहा कि इण्डिया मार्का हैण्डपम्प पर लाल क्रास लग रहे हैं। नदी, सरोवर सूख रहे हैं और कुंए आदि जलस्रोत भी संकट में हैं। नदियों की शुचिता तथा जल संरक्षण के लिए देव्या चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा देशव्यापी विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत ‘नमोस्तुते मां गोमती’ संस्था लोगों को जागरुक करने का कार्य कर रही है। गोमती की सभी सहायक नदियों, दिल्ली में यमुना, यमुना की सहायक नदी हिंडन, उज्जैन में क्षिप्रा आदि नदियों पर कार्य चल रहा है।
शीतल जल सेवा कैम्प शुभारम्भ के अवसर पर सर्वश्री पं. शिवराम अवस्थी, श्रीचन्द्र अग्रवाल, दीपचन्द अग्रवाल, श्रीकृष्ण अग्रवाल ‘डब्बू भैया’, जगदीश गुप्ता, श्रीमती रोमा हेमवानी, श्यामू सिंह, आदित्य मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे।
ट्रस्ट के जनसम्पर्क अधिकारी एस.के.गोपाल ने बताया कि पिछले कई वर्षों से मनकामेश्वर मठ-मन्दिर द्वारा विभिन्न स्थानों पर जल सेवा की जा रही है। शीघ्र ही लखनऊ में कई अन्य स्थानों पर प्याऊ लगाये जायेंगे।