नई दिल्ली| नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आगामी रविवार यानी 24 अप्रैल, 2016 को राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का संयुक्त सम्मलेन आयोजित होगा। उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री टी.एस. ठाकुर और केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा की मौजूदगी में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। देश में न्याय के प्रशासनिक संबंधी विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए यह सम्मेलन समय-समय पर आयोजित होता रहता है। पिछले वर्ष यह बैठक 5 अप्रैल, 2015 को हुआ था।
इस सम्मेलन में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को आमंत्रित किया गया है। यह संयुक्त सम्मेलन एक ऐसा अवसर होता है जिसके जरिए कार्यपालिका और न्यायपालिका मिलकर विभिन्न मुद्दों को आपसी बातचीत से हल कर त्वरित, कुशल और गुणवत्तापरक न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित कर सकती है। न्याय प्रक्रिया में तेजी आ सकती है। न्याय व्यवस्था के समक्ष विभिन्न चुनौतियों, जैसे अदालतों से मामलों के निपटान में अत्यधिक विलंब, न्याय व्यवस्था को यूजर फ्रेंडली बनाना, सभी के लिए वहन करने योग्य हो आदि, का सामना करने के लिए ये सम्मलेन अहम भूमिका निभा सकता है।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए पिछले कुछ समय में कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं। बुनियादी ढांचे में निवेश में वृद्धि होने से से भारत में कुल कोर्ट हॉल, कार्यात्मक अदालतों से ज्यादा हो गए हैं। ई-कोर्ट मिशन मोड परियोजना की मदद से वादी और वकील केस का डाटा ऑनलाइन देख सकते हैं। व्यापार में तेजी लाने और उसे सुगम बनाने के लिए भी कई सुधार किए गए हैं।
विभिन्न विवादों के तीव्र निपटारे के लिए अतिरिक्त प्रयास की जरूरत है। कोर्ट और केस प्रबंधन व्यवस्था में सुधार करके, अदालतों की कार्य पद्धति को आसान बनाकर, विधि व्यवस्था को मजबूत बनाकर, नाबालिग अपराधियों वाले मामलों से निपटना, कानून की शिक्षा की गुणवत्ता और वाणिज्यिक अदालतों का संचालन कुछ ऐसे मामले हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।
‘सबका साथ, सबका विकास’ की ओर यह सरकार का एक और अहम प्रयास है। सत्र के समापन पर उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में ही प्रेस और मीडिया से बातचीत करेंगे।