लखनऊ | प्रदेश में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैंं। इन चुनावों को लेकर तमाम राजनैतिक नेता अपने अपने दल के पक्ष में माहौल बनाने के लिए इस प्रदेश की तरफ रूख करने लगे हैंं। उत्तर प्रदेश की जनता के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है।उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पूरे देश की राजनीति को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैंं, इसी बात को ध्यान में रखते हुए देश भर में अपना जनाधार खो रही काग्रेस पार्टी बेहद जल्द इलाहाबाद से उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों के लिए अपने चुनाव प्रचार की शुरूआत करने वाली है।
गौरतलब है कि गांंधी परिवार से इलाहाबाद का नाता काफी पुराना है। भारत के पहले प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू का जन्म स्थान इलाहाबाद ही था। नवंबर मेंं इंदिरा गांधी की 100वी बर्थ एनिवर्सरी है इसलिए पहले कांगेस पार्टी इस एनिवसर्री के मौके पर ही मींटिग प्लान कर रही थी लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी ने 12-13 जून को पीएम मोदी के इलाहाबाद दौरे की घोषणा की तो कांंग्रेस के नेताओं ने भी अपना फैसला बदल लिया।
हांंलाकि कांग्रेस पार्टी के नेता कह रहे हैंं कि इलाहाबाद में होने वााली पीएम की रैली से उनके ऊपर कोई खास प्रभाव नही पड़ने वाला। कांंग्रेसी नेताओं ने अपने फैसले के पीछे नरेंद्र मोदी की मीटिंग की वजह की बात को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी जितनी चाहे मीटिंग करे, लेकिन जो कांग्रेस का प्लान है, वह सभी इक्वेशन्स को बदल देगा।
ऐसी भी खबर है कि कांग्रेस पब्लिक मीटिंग में पार्टी के सीनियर नेताओं से यूपी से 1 लाख कार्यकर्ताओं को चुनने के लिए कहा गया है। इन 1 लाख कार्यकर्ताओं में अकेले लखनऊ से ही तकरीबन 50 हजार पार्टी वर्कर चुने जा सकते हैंं।