नई दिल्ली: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि सेना में महिलाओं की तादाद बढ़ाने के लिए सरकार का आरक्षण का कोई इरादा नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे सेना में महिलाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी। रक्षा मंत्री ने ये भी कहा कि हर साल गिनती के लोग ही सेना से रिटायर होते हैं और उतने ही लोग भर्ती होते हैं। इस वजह से अचानक एक झटके में कुछ नहीं किया जा सकता। आने वाले 10 सालों में तस्वीर बहुत बदलने वाली नहीं है, पर सरकार की कोशिश जरूर होगी कि महिलाओं की तादाद सेना में और बढ़े।
नौसेना में 7 महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन
बुधवार को ही नौसेना ने शॉर्ट सर्विस कमीशन से सात महिलाओं को परमानेंट कमीशन दिया है। करीब 80 हजार की तादाद वाली नौसेना में सिर्फ 532 ही महिलाएं हैं। वहीं करीब 13 लाख की संख्या वाले थलसेना में मात्र 1,436 और सवा लाख से ज्यादा वायुसेना में सिर्फ 1428 महिला अफसर हैं।
वायुसेना और थल सेना में कुल 340 महिला अफसरों को ही अब तक परमानेंट कमीशन मिल पाया है। वो भी कोर्ट के दखल के बाद महिलाओं को लेकर सेना का रुख बदला है। हालत ये है कि अभी भी सेना के हर विभाग में महिलाओं की हिस्सेदारी ना के बराबर है। अब जिन महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन मिला है, वो कम से कम 20 साल तक नौकरी कर पाएंगी, लेकिन उन्हे सर्विस शर्तों पर खरा उतरने के लिए नियम और परीक्षा के कड़े दौर से गुजरना होगा, तभी हायर रैंक मिल सकेगी।