डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा ‘स्टार्टअप इंडिया’ की कुंजी प्रबंधन प्रशिक्षुओं के हाथ में है


 

The Minister of State for Development of North Eastern Region (I/C), Prime Minister’s Office, Personnel, Public Grievances & Pensions, Department of Atomic Energy, Department of Space, Dr. Jitendra Singh addressing the Graduation Ceremony of Management Programme in Public Policy (MPPP), organised by the Indian School of Business (ISB), in New Delhi on April 18, 2016.

दिल्ली  |   केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायतें, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि स्टार्ट-अप इंडिया स्टैंड अप इंडिया अभियान की कुंजी युवा प्रबंधन प्रशिक्षुओं के हाथ में है। इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) द्वारा आज सार्वजनिक नीति में प्रबंधन कार्यक्रम के स्नातक समारोह को संबोधित करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सही मायने में युवा प्रबंधन प्रशिक्षुओँ के पास व्यवसायिक विशेषज्ञता होती है और वे अपने बकाया साथियों को भी युवा उत्साह और उद्यमिता के कौशल का रास्ता दिखाने की योग्यता रखते हैं।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि विरासत और अनुभव द्वारा भारतीय प्रबंधन कौशल सीखते हुए बड़े होते हैं और स्वाभाविक रूप से अनेक ‘जुगाड़ों’ में दक्ष हो जाते हैं। वास्तव में, अनेक स्वदेशी प्रबंधन कौशल की बाद में विश्वविद्यालय की डिग्री धारकों को भी अपनाए जाने की जरूरत पड़ती है। उदाहरण के लिए भारत की एक सबसे अशिक्षित गृहिणी भी अपने तरीके से एक प्रबंधन ऑपरेटर होती है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि विशेषज्ञता के समकालीन युग में प्रबंधन का औपचारिक प्रशिक्षण भविष्य की प्रगति के लिए आवश्यक है। प्रबंधन की डिग्री को केवल वेतन पैकेज का एक कैदी बनने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि उस मामले में वह व्यक्ति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मिशन स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया के लिए एक बड़े और उच्च उद्देश्य की सेवा करने में पूर्ण रूप से समर्थ नहीं होगा।

पर्वोत्तर क्षेत्र के मंत्री की हैसियत से डॉ जितेंद्र सिंह ने युवा प्रबंधकों और संभावित उद्यमियों का पूर्वोत्तर आकर ऑर्गेनिक खेती सहित अनेक गैर-अन्वेषित क्षेत्रों में अपना भाग्य अजमाने के लिए आगे आने का आह्वान किया। इसके लिए उनके मंत्रालय में ऐसे युवा उद्यमियों को जो पूर्वोत्तर में निवेश करने के इच्चुक हैं अतिरिक्त प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में उन्होंने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का उल्लेख किया और कहा कि केन्द्र सरकार इसे बढ़ावा देने की इच्छुक है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव श्री संजय कोठारी के नेतृत्व में कार्य कर रहे अधिकारियों की प्रशंसा की जिन्होंने आईएसबी के तहत प्रबंधन में अपने किस्म के पहले प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए अपने कुछ अधिकारियों को भेजने के लिए आईएसबी प्रशिक्षण सुविधा का लाभ उठाया है। उन्होंने कहा कि अच्छी प्रबंधन कौशल वाले प्रशासक विभाग और मंत्रालय की सेवा करने के लिए सदैव अपने आप को उस विभाग की संपत्ति सिद्ध कर सकते हैं। इससे पूर्व श्री राकेश भारती मित्तल ने मुख्य भाषण दिया जबकि आईएसबी के डीन डॉ. राजेन्द्र श्रीवास्तव ने आईएसबी की गतिविधियों के बारे में व्यापक जानकारी दी।


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