डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यों से कुछ नोकरियों के लिए साक्षात्कार प्रथा समाप्त करने का आग्रह किया


 

The Minister of State for Development of North Eastern Region (I/C), Prime Minister’s Office, Personnel, Public Grievances & Pensions, Department of Atomic Energy, Department of Space, Dr. Jitendra Singh addressing the meeting with Principle Secretary of State with Governments, , in New Delhi on April 22, 2016. 	The Secretary, DoPT, Shri Sanjay Kothari is also seen.

नई दिल्ली|    पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार),प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री , कार्मिक, लोक शिकायत,पेंशन,परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे उन नौकरियों के लिए जारी साक्षात्कार प्रथा को समाप्त करें जहां इसकी आवश्यकता नहीं है। डॉ. सिंह आज यहां विभिन्न राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के सामान्य प्रशासन विभागों के प्रधान सचिवों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, 2015 के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से सामान्य नौकरियों में चयन के लिए साक्षात्कार की प्रथा को समाप्त करने का सुझाव दिया था। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने प्रधानमंत्री के सुझाव का अनुपालन करते हुए नौकरियों से साक्षात्कार की प्रथा को समाप्त करने का काम वर्ष के पहले कर लिया और 01 जनवरी, 2016 से इसका प्रारंभ होना सुनिश्चित हुआ। केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में सी तथा डी ग्रुप सहित गैर -राजपत्रित, जूनियर स्तर के पदों के लिए साक्षात्कार की प्रथा समाप्त कर दी गई। लेकिन कौशल परीक्षण प्रावधान की अनुमति वैसे पदों के लिए दी गई जिनमें विशेष कौशल की आवश्यकता हो, लेकिन यह कौशल परीक्षण क्वालिफाइंग प्रकार का होगा।

डा. जितेंद्र सिंह ने अफसोस व्यक्त किया कि अनेक राज्यों की इस दिशा में प्रगति संतोषजनक नहीं रही है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर से केरल तक के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव उपस्थित हैं और यह आशा है कि वे अपने-अपने राज्यों में इस दिशा में आगे बढ़ने का संदेश ले जाएंगे। साक्षात्कार प्रथा समाप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महाराष्ट्र , राजस्थान, तथा उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए डा. जितेंद्र सिंह ने दूसरे अन्य राज्यों के सचिवों को सलाह दी कि वे इसके लाभ को समझें और अपने-अपने राज्यों में इसे अपनाएं।

डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ राज्यों ने स्व-प्रमाणन की व्यवस्था समाप्ति को देर से अपनाया। उन्होंने राज्य सरकारों से कहा कि वे विभिन्न आवेदनों के लिए केवल एक पेज के फॉर्म को अपनाने के काम की तैयारी करें। यह कार्यक्रम कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग ने 25 दिसंबर, 2015 को सुशासन दिवस पर शुरु किया। उन्होंने अधिकारियों को कार्य सहज माहौल प्रदान करने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि केंद्र यह चाहता है कि पिछले दो वर्षों में शुरु किए गए विभिन्न प्रशासनिक तथा शासन संचालन सुधारों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभ किया जाए क्योंकि सुधार साधारण जन के हित में हैं और पूरे देश के युवकों को एक समान स्तर का अवसर प्रदान करना है।

बैठक में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव श्री संजय कोठारी , अपर सचिव श्री टी. जैकब , विभाग के संयुक्त सचिव. विभिन्न राज्यों के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव तथा नई दिल्ली स्थित राज्यों के स्थानीय आयुक्त थे।


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