उत्तर प्रदेश में निवेश आकर्षण में भूमि की प्रचुर उपलब्धता की है महत्वपूर्ण भूमिका

लखनऊ | 19 फरवरी, 2023 को लखनऊ में आयोजित होने वाली निवेश परियोजनाओं की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य में एक नए युग का सूत्रपात करने वाली है। यह समारोह 25 से अधिक सेक्टोरल नीतियों के महत्व को चिह्नित करेगा, जो निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अनुकूल माहौल का सृजन करती है एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित करती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में, रणनीतिक रूप से उद्योगों हेतु क्षेत्र-विशेष नीतियों एवं उच्च स्तरीय औद्योगिक अवस्थापना के विकास से निवेश हेतु अनुकूल वातावरण हो रहा है। आगामी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी, औद्योगिक निवेश के पसंदीदा गंतव्य बनने की राज्य की अटूट प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में कार्य करेगी।
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण, न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण एवं ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण में कुल 7,96,764.74 वर्ग मीटर की औद्योगिक भूमि की उपलब्धता होना यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश में उद्योगों के लिए प्रचुर भूमि उपलब्ध है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 17,05,365.33 वर्ग मीटर के रिक्त भूखण्ड हैं एवं उत्तर प्रदेश डिफेन्स इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निवेशकों के आवंटन हेतु 80,47,200 वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध है।
उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने उद्योगों को 2,568 भूखंड आवंटित किए हैं, जबकि 2,07,924 वर्ग मीटर भूमि आवंटन के लिए उपलब्ध है। इसी तरह, नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 11,162 औद्योगिक भूखंड आवंटित किए हैं, जब कि 1,734.74 वर्ग मीटर भूमि आवंटन के लिए उपलब्ध है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने औद्योगिक इकाइयों को 981 भूखंड आवंटित किए हैं और 5,87,106 वर्ग मीटर आवंटन के लिए उपलब्ध है। गौरतलब है कि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान उद्योगों को 244.21 एकड़ के 261 भूखंड आवंटित किए हैं।
इसके अतिरिक्त, सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरण निवेश सारथी पोर्टल पर रिक्त भूखंडों से सम्बंधित व्यापक डेटा अपलोड कर रहे हैं, जिससे निवेशकों को महत्वपूर्ण जानकारी सुगमता से मिल सके। इसके साथ ही, विभिन्न औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने अपने पोर्टलों पर उपलब्ध भूखंडों के संबंध में विवरण साझा किया है। यह पारदर्शिता एवं पहुंच सुनिश्चित करता है कि संभावित निवेशक आसानी से विद्यमान अवसरों का पता लगा सकें।
एक और उल्लेखनीय पहल जो औद्योगिक कायाकल्प के प्रति राज्य सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण एवं संसाधनों में सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करती है, वह है नए निवेशकों के लिए रुग्ण इकाइयों की भूमि उपलब्ध कराने का प्राविधान। उदाहरण के लिए, लखनऊ में स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड फैक्ट्री की भूमि को इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए अशोक लीलैंड को निर्बाध रूप से प्रदान किया गया है।
एक निर्बाध कारोबारी माहौल बनाने हेतु, राज्य सरकार पात्र निवेशकों को भूमि खरीद में स्टांप शुल्क की छूट दे रही है। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश एफडीआई, फॉर्च्यून ग्लोबल 500 एवं फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों की निवेश प्रोत्साहन नीति 2023’ घोषित की है। यह पहल वैश्विक निवेशों को आकर्षित करने के उद्देश्य से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) परियोजनाओं तथा फॉर्च्यून ग्लोबल 500 एवं फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों से जुड़ी परियोजनाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान करती है। निवेश ₹100 करोड़ से अधिक होने पर पात्र परियोजनाओं को अन्य प्रोत्साहनों के साथ भूमि आवंटन में सब्सिडी का प्रविधान है।