फर्जी गौरक्षकों पर गुस्से में हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गिर सकती है गाज


 

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नयी दिल्ली : गौरक्षा के नाम पर देश में होने वाले फसाद को लेकर अपनी सरकार की आलोचना का सामना करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने ओबामा स्टाइल पहले टाउन हाल कार्यक्रम में गौ रक्षा पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि गौ रक्षा के नाम पर कुछ लोगों ने अपनी दुकान खोल रखी है. उन्होंने कहा कि ये दिखाने को गौ रक्षा करते हैं और इनका असली काम कुछ और होता है. पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से अपील की कि वे ऐसे गौ रक्षकों का डोजियर तैयार करें. उन्होंने कहा कि अगर आप असली गौ भक्त हैं तो यह देखें कि वे प्लास्टिक व कूड़ा-कचरा नहीं खायें. प्रधानमंत्री ने गुजरात के सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के एक अनुभव को साझा करते हुए कहा कि एक बार एक गाय के पेट से दो बाल्टी प्लास्टिक निकला था.

उन्होंने कहा कि 70-80 प्रतिशत गौरक्षक ऐसे गोरखधंधे करते हैं कि समाज उन्हें स्वीकार नहीं करता, इसलिए वे गौरक्षक का चोला ओढकर निकलते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कत्ल से उतनी गायें नहीं मरती, जितनी कूड़े-कचरे व प्लास्टिक खाने से मरती हैं. उन्होंने कहा कि जब मैं गुजरात में था तो पशु हेल्थ कैंप लगाता था. उन्होंने कहा कि समाज सेवा दूसरों को दबाने के लिए नहीं होती, प्रताड़ित करने के लिए नहीं होती. इसके लिए समर्पण व सेवा चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान इस मायने में अहम है कि हाल में गुजरात के उना में दलितों की पिटाई कथित गौरक्षकों द्वारा की गयी थी. वहीं, मध्यप्रदेश में कुछ मुसलिम महिलाओं की पिटाई इसी से जुड़े विवाद को लेकर की गयी थी. दादारी के अखलाक की मौत एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया था. मोदी ने एक दिलचस्प कहानी सुनाई कि पुराने जमाने में राजा-बादशाह में लड़ाई होती, तो बादशाह युद्ध के मैदान में सामने गाय खड़ी कर देते थे, जिससे राजा संशय में पड़ जाता और वह युद्ध हार जाता.
टाउन हॉल कार्यक्रम का ब्यौरा 

साधारण लोगों से सीधे संवाद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदिरा गांधी स्टेडियम पहुंचे. उन्होंने लोगों के सवालों का सीधा जवाब दिया. इस समारोह में ऐसे लोग भी शामिल हुए जिनके विचार को मन की बात कार्यक्रम में शामिल किया गया और उन्हें लागू किया गया. कई लोगों के विचारों के लिए उन्हें सम्मानित किया गया. एक भारत श्रेष्ठ भारत प्रतियोगिता नें विजयी लोगों को 1 लाख रुपये और प्रमाण पत्र दिया गया. भारत में किसी भी प्रधानमंत्री के तरफ से जनता से सीधे संवाद करने का यह पहला प्रयास है, लोग इस आयोजन की तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के टाउन हॉल कार्यक्रम से कर रहे हैं.

सवाल- गुड गवर्नेंस से आपका क्या अभिप्राय है ?  बढ़ती अर्थव्यवस्था का असर आम लोगों पर कब दिखना शुरू होगा?हेल्थ इज वेल्थ पर एक आदत डालने में लोगों को परेशानी क्यों ?

नरेंद्र मोदी – हमारे देश में लोकतंत्र का सरल अर्थ है कि एक बार वोट दिया तो पांच साल के लिए कॉन्ट्रेक्ट दे दिया. अब  तुम्हारी जिम्मेदारी है कि समस्याओं का हल ढूंढो. सिर्फ वोट देखर सरकार चुनना लोकतंत्र वहां सीमित नहीं होता. जनभागीदारी वाला लोकतंत्र की आवश्यकता है. टेक्नोलॉजी के कारण यह सहज संभव हुआ है.

स्वच्छ भारत अभियान जन भागीदारी का उत्तम उदाहरण है. गुड गवर्नेंस  का अर्थ है योजना का लाभ सभी को मिले, सिर्फ योजना बनाकर इस पर चुप रहना नहीं. बल्कि लोगों तक सही लाभ पहुंचाना ही गुड गवर्नेंस है. गुड गवर्नेंस के लिए पहली आवश्यकता है कि जिसकी जो जिम्मेदारी है उसका हिसाब उसी से मांगा जाना चाहिए. गुड गवर्नेस के तहत लोगों में जागरूकता और लोगों की राय आवश्यक है. गुड गवर्नेस में मेरा मत है कि समस्या की जड़ में सरकार स्वयं  होती है. सरकार जितनी निकल जाए जनता उतनी ही मजबूत बनेगी. लोगों की शिकायत के लिए हमें आसान तरीका बनाना होगा. उस पर काम करना होगा और हम यह कर रहे हैं.


अर्थव्यवस्था-
 भारत सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. दो भयंकर आकाल, पूरे विश्व में मंदी का दौर है. पूरी दुनिया की खरीदने की शक्ति कम हो रही है. ताजमहल जिस वक्त बना होगा उस वक्त अखबार होगा तो लिखा गया होगा कि जनता की हालत खराब है और राजा ताजमहल बना रहा है. हमें पर्यटन पर ध्यान देना है. यहां से बने सामान को सहयोग देना है ताकि पूरी दुनिया हमारे यहां से चीजें एक्सपोर्ट करे जिससे अर्थव्यवस्था सुधरेगी.

स्वास्थ्य –  स्वच्छता अभियान बीमारी के खिलाफ एक लड़ाई है. अगर एक गरीब परिवार के यहां बीमारी आती है तो विश्वबैंक के आकड़े के अनुसार 7 हजार रुपया खर्च होता है. हमें लोगों को साफ पीने का पानी पहुंचाना है. ऐसे कई लोग हैं जो दूसरों को राय देते हैं लेकिन खुद उस पर अमल नहीं करते. हमें अपने खान-पान, योग पर ध्यान देना होगा. किडनी की बीमारियां बढ़ रही हैं. टीकाकरण के लिए सरकार खर्च कर रही है.


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