इशरत जहां एनकाउंटर मामला: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, केस को रद्द करने की मांग


 

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में इशरत जहां एनकाउंटर मामले को लेकर एक याचिका दायर की गई है। याचिका में कथित एनकाउंटर केस में आरोपी गुजरात पुलिस अफसरों के खिलाफ केस को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि हेडली के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि इशरत लश्कर की आतंकी थी। अब सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।

वहीं, इस मामले पर इशरत जहां मामले को लेकर राज्यसभा में जोरदार हंगामा जारी है। सरकार कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है। पूरा विवाद पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई के बयान से खड़ा हुआ है। पिल्लई ने हाल ही में दावा किया था कि तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम के कहने पर इशरत से जुड़ा एफिडेविट बदल दिया गया था।

पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई के आरोप के बाद गृह मंत्रालय विवादास्पद इशरत जहां मामले से संबंधित फाइलों की जांच करेगा। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इशरत जहां मामले से संबंधित फाइलों का हम पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। हमें अभी तक पूरी फाइल नहीं मिली है क्योंकि इनमें से कुछ का पता लगाया जाना बाकी है। अधिकारी ने कहा कि पूर्व गृह सचिव के बयान के बाद इशरत जहां की फाइल पर गौर करना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि नये तथ्यों के सामने आने को देखते हुए हम फाइलों पर गौर कर रहे हैं।

सोमवार को एक वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर मांग की है कि इशरत जहां एनकाउंटर मामले में पुलिस अधिकारियों पर से आपराधिक केस हटा दिया जाए। शर्मा ने अर्जी में लिखा है कि संविधान की धारा 21 नागरिकों पर लागू होती है, आतंकियों और देशद्रोहियों पर नहीं। 11 फरवरी को न्यायिक कार्यवाही में इशरत जहां और उसके तीनों साथी आतंकी साबित हो चुके हैं तो उसे मारने के लिए गुजरात पुलिस को दंडित नहीं किया जाना चाहिए।


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