नई दिल्ली। कांग्रेस ने आज विजय माल्या को लेकर राज्यसभा में हंगामा किया और जमकर नारेबाजी की। साथ ही कांग्रेस ने सरकार पर लुकआउट नोटिस में बदलाव कर माल्या को भागने में मदद देने का आरोप लगाया। कांग्रेस सदस्यों के इस मुद्दे पर हंगामे एवं नारेबाजी के कारण शून्यकाल समाप्त होने के निर्धारित समय से पहले बैठक को करीब पांच बजे के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने शून्यकाल में व्यवस्था के प्रश्न के जरिए यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि माल्या के ऊपर बैंकों का 10 हजार करोड़ रूपए बकाया है। उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया था। तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार ने लुक आउट नोटिस में बदलाव कर माल्या को देश से भागने में मदद की है। उन्होंने माल्या को पकड़कर तुरंत देश में वापस लाए जाने की मांग की।
उपसभापति पी जे कुरियन ने तिवारी को सदन में यह मुद्दा नहीं उठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वह पहले ही इस बारे में व्यवस्था दे चुके हैं कि इस मुद्दे को सदन की आचार समिति में भेजा जाना चाहिए। कुरियन के यह कहने के बावजूद कांग्रेस के सदस्य शांत नहीं हुए। कई कांग्रेसी सदस्य माल्या को देश में वापस लाए जाने की मांग के नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गए।
उपसभापति ने नारा लगा रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर वापस लौट जाने को कहा। कांग्रेसी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही तो उपसभापति ने हंगामे के बीच ही शून्यकाल के मुद्दे उठवाए।
विभिन्न दलों के सदस्यों ने लोक महत्व के अपने मुद्दों को हंगामे के बीच ही उठाया। शून्यकाल समाप्त होने से महज पांच मिनट पहले कुरियन ने हंगामे के कारण बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।