मेनका गांधी ने महिलाओं और बच्चों के उत्पीड़न से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए ट्विटर इंडिया टीम के साथ मुलाकात


 

The Union Minister for Women and Child Development, Smt. Maneka Sanjay Gandhi holding a meeting with the team of Twitter India led by the Head of Public Policy, Twitter India, Ms. Mahima Kaul, to address issue of harassment of women & children on social media, in New Delhi on July 08, 2016. 	The Secretary, Ministry of Women and Child Development, Ms. Leena Nair is also seen.

दिल्ली | महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आज सामाजिक मीडिया विशेष रूप ट्विटर पर परेशान करने, उत्पीड़न और घृणित आचरण के मुद्दों से निपटने के लिए महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाने के लिए ट्विटर इंडिया की सार्वजनिक नीति की प्रमुख सुश्री महिमा कौल के नेतृत्व में ट्विटर इंडिया टीम के साथ मुलाकात की। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सचिव सुश्री लीना नायर और उनके मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी आज नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक में उपस्थित थे।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों को सलाह दी है, कि अगर सामाजिक मीडिया मंचों पर उनके साथ दुर्व्यवहार या उत्‍पीड़न किया जा रहा हो, तो वे अपनी शिकायतें भेजें। जबसे यह संदेश भेजा गया है, मंत्रालय को बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। शिकायतों के स्‍वरूप को देखते हुए पूरे मामले पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया है।

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि किसी भी महिला या बच्चे को सामाजिक मीडिया मंच पर निम्नलिखित प्रकार की समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो उन्‍हें मंत्रालय को इस बारे में रिपोर्ट करनी चाहिए:

1. अपमानजनक व्यवहार : हिंसक धमकियां (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष)

2. उत्पीड़न : लक्षित दुर्व्‍यवहार या उत्पीड़न में लिप्‍त होना या उन्‍हें बढ़ावा देना।

3. घृणित आचरण : हिंसा या सीधे हमले को बढ़ावा देना या अन्‍य लोगों को धमकी देना।

यह निर्णय लिया गया कि मंत्रालय में प्राप्त होने वाली गंभीर किस्‍म की शिकायतों की रिपोर्ट आवश्यक कार्रवाई के लिए ट्विटर इंडिया पर भेजी जाएगी। बैठक के दौरान, ट्विटर टीम ने कहा कि उनकी अपनी शिकायत निवारण प्रणाली है। प्रभावित व्यक्तियों को इस ट्विटर (https://support.twitter.com/forms/abusiveuser) का लगातार उपयोग करना चाहिए। इस बारे में मंत्रालय भी आवश्‍यक होने पर साइबर अपराध प्रकोष्ठों के पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर कार्य करेगा।


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