दिल्ली | इस्पात मंत्री श्री बीरेन्द्र सिंह ने मॉयल (एमओआईएल) को पहले से ही जारी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने और क्रियान्वित की जाने वाली परियोजनाओं को निर्धारित समय से पहले पूरा करने के लिए लक्ष्य तय करने की सलाह दी है। मंत्री ने इस्पात मंत्रालय के अधीनस्थ एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) मॉयल के शीर्ष प्रबंधन के साथ आज उद्योग भवन में आयोजित की गई एक समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही।
उन्होंने मॉयल से दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के अनुरूप विशेषकर वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) वाले क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के अवसर तलाशने के लिए भी कहा है। कंपनी के सीएसआर संबंधी कार्य की सराहना करते हुए उन्होंने मॉयल से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सीएसआर के तहत गोद लिये गये गांवों में विकास कार्य की निगरानी सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) की रूपरेखा के अनुरूप की जा सकती है।
मंत्री ने मॉयल से एक दीर्घकालिक रणनीति के रूप में अपने मैंगनीज संसाधन आधार को बढ़ाने के लिए कहा है। उन्होंने विविधीकरण के लिए मॉयल की मध्यावधि योजनाओं की सराहना की, जिसके तहत उसकी खनन संबंधी विशेषज्ञता को साझा किया जाता है। उन्होंने खनिज संसाधनों जैसे कि लौह अयस्क और मैंगनीज की खोज एवं निकासी में निहित चुनौतियों और अवसरों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि लागत के लिहाज से प्रतिस्पर्धी क्षमता हासिल करने हेतु अपेक्षित स्तर एवं आकार प्राप्त करने के लिए इस्पात उद्योग हेतु कच्चे माल के प्रतिभूतिकरण के ध्येय से इन संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल अत्यंत आवश्यक है।
इस्पात सचिव सुश्री अरुणा सुंदरराजन, इस्पात संयुक्त सचिव सुश्री उरविल्ला खाटी, मॉयल के सीएमडी श्री जी पी कुंदार्गी और इस्पात मंत्रालय एवं मॉयल के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।