लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री दीपक सिंघल ने कहा कि अनाथ बच्चों को स्वनिर्मित न्यूट्रिशियन निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराने की अच्छी पहल की गयी है। उन्होंने कहा कि समाज सेवी संस्थानों को भी निराश्रित एवं अनाथ बच्चों के उत्थान में प्रदेश सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों को स्वनिर्मित न्यूट्रिशियन निःशुल्क भोजन बनाने की कला को सीखकर स्वरोजगारपरक् बनाने हेतु कौशल विकास मिशन के माध्यम से भी जोड़ने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से नियमानुसार सुनिश्चित कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार श्रमिकों का पंजीकरण कराकर निःशुल्क भोजन पूर्व से ही उपलब्ध करा रही है।
मुख्य सचिव आज अपनी पत्नी श्रीमती अनीता सिंघल के साथ ऐप्रन पहनकर अपने कर-कमलों द्वारा अनाथ बच्चों के लिये स्वनिर्मित न्यूट्रिशियन निःशुल्क भोजन बनाने में सहयोग कर शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 500 निराश्रित बच्चों को उपलब्ध कराये जा रहे भोजन के अतिरिक्त यह प्रयास किया जाये कि अधिक से अधिक निराश्रित बच्चों को स्वनिर्मित न्यूट्रिशियन निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि पंजीकृत श्रमिकों के अतिरिक्त अनाथालय में रह रहे निराश्रित बच्चों को स्वनिर्मित न्यूट्रिशियन निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराने में नियमानुसार पूर्ण सहयोग किया जायेगा।
ऐप्रन पहनकर उ0प्र0 राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा, श्रीमती जूही सिंह, सचिव, मुख्यमंत्री श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव सूचना एवं पर्यटन श्री नवनीत सहगल एवं उनकी पत्नी श्रीमती विनीता सहगल, प्रमुख सचिव कृषि श्री रजनीश गुप्ता ने अपनी पत्नी सहित अन्य समाज सेवियों सहित पी0एच0डी0 चैम्बर आॅफ काॅमर्स के निदेशक श्री आर0के0 शरन सहित सदस्यों ने स्वनिर्मित न्यूट्रिशियन निःशुल्क भोजन बनाने में भाग लेकर अच्छी पहल की सराहना की।