काठमांडूः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने दक्षेस की बैठक से इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भेंट की. अजीज ने दक्षेस सम्मेलन में शिरकत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्यौता भेजा. यह सम्मेलन इस साल के अंत में पाकिस्तान की मेजबानी में होगा. साथ ही अजीज और सुषमा ने पाक पीएम नवाज शरीफ और नरेंद्र मोदी के अमेरिका में मिलने के संकेत दिए. विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि ”भारत-पाकिस्तान के बीच सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई. पठानकोट आतंकवादी हमले की जांच कर रही पाकिस्तान की संयुक्त जांच टीम 27 मार्च को नयी दिल्ली आएगी और 28 मार्च से जांच प्रक्रिया शुरु करेगी.”
आपको बता दें कि दक्षिण एशियाई देशों नेता अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मेजबानी में वाशिंगटन में आयोजित होने वाले परमाणु शिखर सम्मेलन में शिरकत करने करने वाले हैं, जहां मोदी और नवाज की मुलाकात हो सकती है.
सुषमा ने दक्षेस की बैठक में क्या कहा?
सुषमा ने कहा, ‘‘सबका साथ, सबका विकास की हमारी दृष्टि समूचे दक्षेस क्षेत्र के लिए है और एक साथ मिलकर हम क्षेत्रीय एकीकरण, सहयोग एवं सामाजिक-आर्थिक विकास का अनुकूल माहौल पैदा कर सकते हैं. हम दक्षिण एशिया की छुपी हुई प्रतिभा को सामने ला सकते हैं .”
इसके सुषमा ने कहा, ‘‘आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. विश्व व्यापार में हमारे क्षेत्र की भागीदारी महज दो फीसदी और विश्व एफडीआई में हमारी हिस्सेदारी महज 1.7 फीसदी है . हमारा अंत:क्षेत्रीय व्यापार हमारे वैश्विक व्यापार के छह फीसदी से भी कम है और अंतर-क्षेत्रीय एफडीआई कुल एफडीआई आवक का महज तीन फीसदी है .’’
विदेश मंत्री ने कहा कि ठोस संवृद्धि और शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल एवं ग्रामीण विकास में काफी उन्नति के बाद भी दक्षेस क्षेत्र में गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या विश्व में सबसे अधिक है .
सुषमा ने कहा, ‘‘हम हमारे लोगों को खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं शिक्षा देने में आज भी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं . यह सब दिखाता है कि हम व्यक्तिगत तौर पर भले ही अच्छा प्रदर्शन कर रहे हों, लेकिन हम प्रभावी तौर पर अपनी सामूहिक ताकत नहीं दिखा सके हैं . हमें नए अंदाज में सोचना होगा और समाधान तलाशने होंगे ताकि हम अपनी आर्थिक ताकत का फायदा उठाकर तेज संवृद्धि के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित कर सकें .’’ विदेश मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय विकास के लिए संपर्क जरूरी है और इससे तय होगा कि ‘‘हम संवृद्धि, रोजगार एवं समृद्धि के अपने लक्ष्यों को कैसे पूरा करते हैं .’’
सुषमा ने कहा, ‘‘जब हम भौतिक संपर्क की बुनियादी समस्याओं से उबरने की कवायद में लगे हैं, हमारे लिए यह अहम है कि रेल एवं मोटर वाहनों पर लंबित समझौतों में आगे बढ़ा जाए . आर्थिक गतिविधियांे, सांस्कृतिक संपर्क और सदस्य देशों के लोगों का आपसी संपर्क ऐसे जुड़ाव से स्वाभाविक तौर पर कायम होगा .’’ मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि भारत सरकार ने पहले दिन से ही ‘पड़ोस पहले’ की नीति को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है .