
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में महाकुम्भ 2025, प्रयागराज मेले में आने वाले श्रद्धालुओं/तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिये आयोजित कार्यशाला संपन्न
लखनऊ। मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में महाकुम्भ 2025, प्रयागराज मेले में आने वाले श्रद्धालुओं/तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिये योजना भवन में कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसके अतिरिक्त कार्यशाला में विगत कुंभ/अर्द्धकुंभ मेलों में सराहनीय योगदान देने वाले वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपने बहुमूल्य अनुभवों को साझा किया गया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन हेतु उत्तर प्रदेश शासन प्रतिबद्ध है। सभी विभागों द्वारा की गई तैयारियों की सराहना करते हुए उन्होंने महाकुंभ को हरित (ग्रीन) और स्मार्ट बनाने पर जोर दिया। उन्होंने स्वच्छता और सफाई सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महाकंुभ को सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री बनाया जाये।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज देश व प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेगा। इसमें देश-विदेश से 40 करोड़ श्रद्धालु आने की संभावना है। प्रयागराज के स्थानीय निवासियों से संवाद कर स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाये, जिससे वह भी इस कार्य में पूरा सहयोग करें। देश-विदेश से आने वाले लोग अच्छा अनुभव लेकर जायें। इस बार महाकुंभ में नवीन कीर्तिमान स्थापित किये जायें। साथ ही, विभिन्न मिशनों के कुशल क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय टीमों (सेंट्रल टीमों) के मार्गदर्शन का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु काशी व अयोध्या भी दर्शन के लिये जायेंगे। ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्हें बेहतर से बेहतर सुविधायें उपलब्ध करायी जायें। इस कार्यशाला से यह सुनिश्चित कराने में मदद मिलेगी कि महाकुंभ मेला 2025 श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित, सुविधाजनक और यादगार अनुभव हो।
प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभिजात ने अपने स्वागत उद्बोधन में महाकुंभ 2025 की रूपरेखा का विस्तृत प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि 4000 हेक्टेयर में आयोजित होने वाले इस महाकुंभ मेले में 67,000 स्ट्रीट लाइट्स, 1,45,000 शौचालय, 1500 से अधिक सिग्नेज बोर्ड, 2300 से अधिक कमरों के माध्यम से निगरानी, एआई-आधारित चेट बॉट जैसी सुविधाएं, 2000 टेंट, 25,000 सार्वजनिक आवास के साथ 30 पांटून ब्रिज शामिल किए जाएंगे। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर 1,49,620 पौधे लगाए जाएंगे।
मेलाधिकारी, कुंभ मेला 2001 श्री जीवेश नंदन, ने कुशल आयोजन के लिए मेले को परियोजना चरण (प्रोजेक्ट फेज) और संचालन चरण (ऑपरेशन फेज) में विभाजित करने के साथ-साथ अखाड़ा परिषद जैसे हितधारकों का समर्थन प्राप्त करने के महत्व को रेखांकित किया।
अपर मुख्य सचिव कृषि एवं तत्कालीन मण्डलायुक्त प्रयागराज डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आपदा प्रबंधन, वायु एम्बुलेंस (एयर एम्बुलेंस), सार्वजनिक परिवहन के कुशल प्रबंधन के साथ-साथ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समय सीमा के पालन के महत्व पर प्रकाश डाला।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश मेश्राम ने सर्किट टूरिज्म और आध्यात्मिक पर्यटन (स्पिरिचुअल टूरिज्म) को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के सन्दर्भ में डॉ. एस.एन. साबत ने कुंभ मेला 2019 से प्राप्त अनुभवों को साझा किया, जिसमें उन्होंने पुलिस व्यवस्था के महत्व को रेखांकित किया।
इसके अलावा श्री मोहित अग्रवाल ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर महाकुंभ के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए।
कार्यशाला के आरंभ में मेलाधिकारी महाकुंभ-2025 श्री विजय किरन आनंद ने सभी अतिथियों एवं अधिकारियों का कार्यशाला में स्वागत किया।
कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।