उड़ता पंजाब विवाद के बीच अमरिंदर को जिम्मेदारी सौंपेंगे राहुल गांधी


 

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नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सोमवार को होने वाली पंजाब यात्रा का सांकेतिक मकसद ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म के बहाने पंजाब में नशे के कारोबार में अकाली सरकार की छिपी भूमिका पर जनमत जगाना और फिल्म पर प्रतिबंध से असलियत को ढ़कने की अकालियों और भाजपा की साझा नीति का विरोध करना है। कांग्रेस ने तय किया है कि राज्य की दूसरी समस्याओं के अलावा वहां की बिगड़ती कानून व्यवस्था को भी छह माह बाद होने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा।

राहुल गांधी ने शुक्रवार को पंजाब में नशे की लत के बारे में दो टूक कह दिया है कि वहां यह बीमारी एक गंभीर संकट का कारण बन चुकी है। उन्होंने कहा है कि पंजाब की सरकार को असलियत पर पर्दा डालने के बजाय इस समस्या का हल निकालने पर गंभीरता से सोच विचार करना चाहिए।

टीम राहुल के करीबी सूत्रों का मानना है कि नशे की गिरफ्त में फंसे पंजाब की हकीकत पर बनी फिल्म ने चूंकि पिछले कई सालों से कांग्रेस की उस चिंता को उजागर कर दिखाया है जिससे वहां की नौजवान पीढ़ी का भविष्य बर्बादी के कगार पर खड़ा हो चुका है। इसलिए राहुल इस दौरे में जनता से यही अपील करेंगे कि राज्य को नशे के इस हालात से बाहर निकालने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह का मजबूत नेतृत्व ही राज्य के सामने उम्मीद की किरण साबित हो सकता है।

अकालियों को सत्ता से हटाने के लिए आम आदमी पार्टी की सक्रियता और ‘उड़ता पंजाब’ मामले में क्रेडिट लेने की आम आदमी पार्टी की कोशिशों पर भी कांग्रेस चिंतित है। इस बाबत नए घटनाक्रमों पर कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री का मजबूत चेहरा बनाने के साथ ही इस बात को भी प्रमुखता से जनता के सामनेे रखने की पैरवी की है कि आम आदमी पार्टी भले ही कुछ जगहों पर भारी पड़ती दिख रही है लेकिन उसके पास कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसा मजबूत चेहरा मुख्यमंत्री पद के लिए नहीं है।

कांग्रेस ने भले ही अभी अमरिंदर सिंह को आधिकारिक तौर पर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है लेकिन प्रशांत किशोर का सुझाव है कि सीएम पद का चेहरा घोषित करने में अब राहुल गांधी को देर नहीं करनी चाहिए।

कांग्रेस में इस बात की चर्चा है कि सोमवार को जालंधर रैली में कैप्टन को कांग्रेस का मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जा सकता है। ‘उड़ता पंजाब’ विवाद और फिल्म पर प्रतिबंध लगने के बाद कांग्रेस काफी मुखरता से सेंसर बोर्ड के मुखिया पर हमले कर रही है। कांग्रेस सांसद व सिने स्टार राजबब्बर गुरुवार को सेंसर बोर्ड प्रमुख पर खुलेआम प्रहार करते हुए फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ पर प्रतिबंध को उनकी मोदी सरकार के प्रति चमचाबाजी करार दे चुके हैं।


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