नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि रेलवे को आईसीयू से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसी परिस्थिति भी तैयार की जा रही है जिससे यह ठीक तरह से सांस ले सके।
उन्होंने कहा, ‘रेलवे गंभीर समस्याओं में फंसा हुआ था। ऐसी स्थिति 20-30 वर्ष पहले थी, आज नहीं। यह बात राकेश मोहन समिति की रिपोर्ट में कही गई है। इसलिए अब हम एक ऐसी स्थिति तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं जहां रेलवे राहत महसूस कर सके।’
यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर आज भी आईसीयू में है, उन्होंने जवाब दिया, ‘हम इसे आइसीयू से बाहर लाने का प्रयास कर रहे हैं।’ सुदृढ़ बनाने के उपायों के बारे में प्रभु ने कहा, ‘कायम रहने के लिए रेलवे को अपना संचालन सुधारना होगा। हमलोग इसपर काम कर रहे हैं। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि अगले कुछ वर्षों में हम विकास का एक इंजन साबित हो सकें। इस दिशा में हम सभी हर तरह के प्रयास कर रहे हैं।’
लंदन में आ रही कमी को देखते हुए रेलवे की रणनीति के बारे में पूछने पर मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में 1.2 अरब टन कार्गो की क्षमता तैयार की जाएगी। यात्री किराया वृद्धि की संभावना के बारे में पूछने पर प्रभु ने कहा कि इस मामले में नियामक प्राधिकार फैसला लेगा। उन्होंने बताया कि किराया पर फैसला लेने के लिए हम एक नियामक ढांचा तैयार कर रहे हैं। किराया क्या होना चाहिए इसका फैसला नियामक लेगा।