शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 साल पुरानी परंपरा का अंत, महिलाओं ने की पूजा


 

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पुणे : महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 साल पुरानी परंपरा का आज अंत हो गया है. शाम होते – होते भूमाता ब्रिगेड की महिलाओं ने भी पूजा अर्चना की. उन्‍हें मंदीर ट्रस्ट की तरफ से पूजा का न्यौता दिया गया था. इस न्यौता पर उन्होंने खुशी जताते हुए कहा था कि वह पूजा करने जरूर पहुंचेंगी. ट्रस्ट ने कहा कि इसमें गांव वालों की भी सहमति ली गई .

मंदिर ट्रस्ट ने जानकारी दी कि मामले को लेकर गांव वालों के साथ बैठक की गई जिसके बाद महिलाओं को भी पूजा करने देने की अनुमति प्रदान की गई. बांबे हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी मंदिर ट्रस्ट और स्थानीय लोगों ने तृप्ति देसाई और उनके साथियों को पूजा नहीं करने दिया था. इसके बाद मंदिर ट्रस्ट ने दलील दी थी कि उन्हें अबतक हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिली. ट्रस्ट के इस फैसले से नाराज तृप्ति देसाई ने मुख्यमंत्री पर एफआईआर करने की बात कही थी.

भूमाता ब्रिगेड  शनि शिंगणापुर मंदिर  में पूजा के लिए प्रयासरत था. कई बार तृप्ति देसाई अपनी महिला साथियों के साथ पूजा के लिए पहुंची थी लेकिन हर बार उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया. अब मंदिर ट्रस्ट के न्यौते के बाद उन्होंने पूजा की है. कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर में पुरुषों के पूजा करने पर भी रोक लगा दी गयी थी लेकिन मंदिर में पूजा को लेकर बड़ी संख्या में पुरुष श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और जबरन मंदिर के चबूतरे पर खड़े होकर पूजा की. रोक के वावजूद बड़ी संख्या में पुरुष श्रद्धालु मंदिर में घुसे इस दौरान पुलिस चुपचाप तमाशा देखती रही. तृप्ति देसाई की पूजा अर्चना के बाद इतने दिनों से चला आ रहा विवाद आज समाप्त हो गया.

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