लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा है कि प्रदेश के विकास में वाणिज्य कर अधिकारियों का विशेष योगदान है। वाणिज्य कर अधिकारियों को अपने दायित्वों का निर्वहन और बेहतर ढंग से कर प्रदेश के विकास में अपनी बेहतर भूमिका का निर्वहन करना चाहिये। उन्होंने कहा कि वाणिज्य कर विभाग में आई0टी0 का अधिक उपयोग कर पारदर्शिता के साथ आॅनलाइन सुविधायें उपलब्ध करायी गई हैं, जिसका उपयोग अधिक से अधिक किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों ने अपने वार्षिक सम्मेलन में कोई मांग न रखकर एक अलग मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों एवं कर्मियों की पदोन्नति एवं अन्य सेवा प्रकरणों का निस्तारण समयबद्ध रूप से निस्तारित कराया जाये।
मुख्य सचिव आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में वाणिज्य कर अधिकारी सेवा संघ के वार्षिक अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वाणिज्य कर अधिकारियों ने अपनी बेहतर कार्यशैली के साथ-साथ सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को आमंत्रित कर जो सम्मान दिया है, वह अन्य कर्मियों के लिये अनुकरणीय है।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्य सचिव श्री प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि प्रदेशहित एवं जनहित में वाणिज्य कर विभाग को नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी प्रदेश के विकास हेतु राजस्व संग्रह में अपनी विशेष महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हैं। उन्होंने कहा कि वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों की शासकीय सेवाओं को दृष्टिगत रखते हुये नियमानुसार और अधिक सुविधायें उपलब्ध कराये जाने पर विचार किया जाना जनहित में होगा।
कार्यक्रम में आयुक्त वाणिज्य कर श्री मुकेश मेश्राम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर वाणिज्य कर अधिकारी सेवा संघ की स्मारिका-2016 का विमोचन भी किया गया।