लखनऊ| भारतीय जनता पार्टी ने कहा केन्द्र से पैसा न मिल पाने का आरोप लगाते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने आकड़ों के पन्ने पलट लें। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि विद्युत सुधार के लिए उदय योजना के अन्तर्गत उ0प्र0 बिजली बोर्ड के कर्ज के रिस्टैक्चरिंग में हजार करोडो़ का लाभ उ0प्र0 को हुआ है। विकास की योजनाएं परवाना चढ़े इसके लिए लगातार केन्द्र सरकार के मंत्रीगण मुख्यमंत्री से मिलकर समाधान का प्रयास कर रहे है।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर मुख्यमंत्री के बलिया प्रवास के दौरान कथन कि ‘‘केन्द्र बताये कि कहा दिया पैसा’’ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य में योजनाएं लचर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण मूर्त रूप नहीं ले पा रही है। केन्द्रीय योजनाओं के प्रगति लगातार धीमी है, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, सिचांई जैसे महत्वपूर्ण मामलों में केन्द्रांश का सद्प्रयोग नहीं हो पा रहा है। हालात ये है कि बुन्देलखण्ड में सूखा राहत के कार्य सुचारू रूप से नहीं चल पा रहे है। गये 48 घण्टें में बुन्देलखण्ड में कर्ज के बोझ से परेशान तीन किसानों की मौत हो गई है। राहत के वितरण के प्रचार-प्रसार तो हो रहे है किन्तु राहत पहुंच नहीं पा रही है।
उन्होंने कहा जिस मेट्रों निर्माण परियोनाओं कसीदे पढ़ते नहीं अघाते है मुख्यमंत्री उस मेट्रों प्रोजेक्ट के लिए केन्द्र सरकार लगातार सहयोग कर रही है। यहां तक की निर्मल गंगा अभियान के तहत प्रस्तवित मथुरा-वृद्धावन प्रोजेक्ट की अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए केन्द्रीय मंत्री उमा भारती तक को मुख्यमंत्री से मिलकर कहना पड़ा (एनओसी) की पत्रावली राज्य सरकार के नगर विकास में अटकी पड़ी है, 3 माह से लगातार पत्राचार हो रहा है। बार-बार बातचीत के बावजूद मामला जस का तस था। विकास में राजनीति के पक्षधर हम नहीं है केन्द्र और राज्य मिलकर विकास योजनाओं को आगे बढ़ाये, यही मोदी सरकार की सोच है और हम तो टीम इंडिया के कन्सेप्ट पर काम करते है।
श्री पाठक ने कहा कि राजनीति तंज करें मुख्यमंत्री किन्तु सच्चाई भी तो लोगों को बताये। जब 45 लाख लोगों को पेंशन देने के दावें हो रहे थे तो क्या 45 लाख लोगों को पेंशन दे पाये ? अब 56 लाख लोगों को पेंशन देने की बात मुख्यमंत्री कह रहे है कैसे दे पायेंगे ये तो वहीं जाने पर पिछले दावों की तो हवा निकल चुकी है। उन्होंने कहा कानून व्यवस्था पर विपक्ष को कटघरे में करने की बजाय बेहतर होता अपने कार्यकर्ताओं को ही संभाल लेते आज ही मुख्यमंत्री के बलिया दौरे के समय अधिकारियों से हाथापाई और झड़प करने वाले कौन थे ? देख भी तो लिया करें।