केन्द्र तथा राज्य सरकार, सभी मुद्दो पर आपसी सहयोग से क्रियान्वयन करेगी


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मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन की प्रधानमंत्री भारत सरकार के 
प्रमुख सचिव तथा कैबिनेट सचिव के साथ बैठक
लखनऊ:   नई दिल्ली में प्रमुख सचिव, प्रधानमंत्री, भारत सरकार श्री नृपेन्द्र मिश्र तथा कैबिनेट सेके्रट्री श्री पी0के0 सिंह से आज उ0प्र0 के मुख्य सचिव श्री दीपक सिंघल द्वारा प्रदेश की विभिन्न योजनाओं व लम्बित प्रकरणों पर गम्भीर मंत्रणा की गई इससे पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा प्रदेश के सभी सांसदों से पत्र लिखकर लम्बित प्रकरणों की पुस्तिका भेट कर आग्रह किया गया था कि राजनीतिक भाव से उपर उठकर सभी संासदों को प्रदेश के विकास एवं प्रगति में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए।
इसी प्रक्रिया के तहत आज मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन द्वारा विभिन्न मुद्दों योजनाओें व कार्यक्रमो पर गहन रूप से परिचर्चा की गई तथा शीघ्र निस्तारण का अनुरोध भी किया गया। मुख्य सचिव ने बैठक के उपरान्त बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा पारदर्शिता एवं सम्वाद कायम कर विकास योजनाओं में तेजी लाई जा रही है । बिजली-पानी,सडक, चिकित्सा, शिक्षा, किसान, गरीब तथा पिछडे वर्ग के कल्याण की योजनाओं का क्रियान्वयन प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से कर रही है तथा केन्द्र सरकार की ऐसी योजनओं में जो अंशदान मिलना प्रस्तावित है उसमें लगभग 18 हजार करोड की धनराशि अभी लम्बित है जिसपर आश्वस्त किया गया कि तथ्यों एवं अभिलेखों के आधार पर केन्द्र सरकार द्वारा शीघ्र ही यथोचित कार्यवाही की जाएगी। प्रदेश में 4500 किलोमीटर सडकों का रख रखाव एन0एच0ए0आई0 द्वारा किया जाता है तथा 3100 किलोमीटर के लिए राज्य सरकार को मात्र 70 करोड रूपये रख रखाव के लिए  दिए जाते है जो तकनीकी दृष्टि से काफी कम है। इस दिशा में केन्द्र सरकार को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। इसी प्रकार भारत सरकार की उदया योजना के अन्र्तगत 50 हजार करोड रूपये अपने संसााधनों से व्यवस्था की जा चुकी है जिसमें केन्द्र सरकार के अशदान के आवटन की जरूरत है। प्रदेश सरकार द्वारा अपने संसाधनों से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्धारित अवधि से पहले तथा बिना किसी व्यवधान के निर्माण करके एक कीर्तिमान स्थापित किया गया है।
इसी प्रकार लखनऊ से बलिया तक समाजवादी पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। बिजली के क्षेत्र में गत 4 वर्षाे में उत्पादन 7500 मैगावाट से बढाकर 15000 मैगावाट किया गया है। पारेषण में 67 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। सर्व शिक्षा अभियान में लगभग 5,000 करोड रूपये बजट प्राविधान, न्याय पालिका के हाई कोर्ट भवन तथा अन्य सुविधाओं के लिए 25,00 करोड रूपये, ग्रामीण पेयजल के लिए 2,000 करोड तथा बुन्देलखण्ड विकास हेतु प्रदेश सरकार द्वारा अपने संसाधनों से विकास की योजनाओं को मूर्त रूप प्रदान किया गया ।
श्री सिंघल ने आज नई दिल्ली स्थित यू0पी0 सदन में पत्रकारों से वार्ता के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्र सरकार केा प्रेषित किए गए महत्वपूर्ण प्रकरणों की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि  राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को 28 महत्वपूर्ण मामले भेजें गए है। इनमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय से सम्बन्धित 04 प्रकरण, विधि एवं न्याय मंत्रालय से सम्बन्धित 01 प्रकरण, ग्राम्य विकास मंत्रालय से जुड़े 02 प्रकरण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से सम्बन्धित 01 प्रकरण, सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्रालय से सम्बन्धित 03 प्रकरण, गृह मंत्रालय से सम्बन्धित 05 प्रकरण, संस्कृति मंत्रालय से सम्बन्धित 02 प्रकरण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से सम्बन्धित 01 प्रकरण, रक्षा मंत्रालय से सम्बन्धित 03 प्रकरण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से सम्बन्धित 03 प्रकरण तथा ऊर्जा मंत्रालय से सम्बन्धित 03 प्रकरण शामिल हैं। श्री सिंघल ने बताया कि मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय को प्रेषित प्रकरणों में राज्य में 04 लाख शिक्षक/अनुदेशकों के पारिश्रमिक के भुगतान संकट को देखते हुए वर्ष 2015-16 के अवशेष केन्द्रांश 3585 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त किया जाना, मध्यान्ह भोजन योजना में रसोइयों का मानदेय, जो 07 वर्षों से नहीं बढ़ा है, को 1,000 रुपए से बढ़ाकर 2,000 रुपए प्रतिमाह किया जाना, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत केन्द्रांश की लगभग 187 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त किया जाना तथा राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत निर्मित हो रहे 26 राजकीय विद्यालयों के लिए द्वितीय किश्त प्राप्त न होने के कारण प्रभावित हो रहे निर्माण कार्य को सुचारू बनाए रखने हेतु 441 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त किया जाना शामिल है।
मुख्य सचिव ने कहा कि सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्रालय को भेजे गए मामलों में ए0आई0बी0पी0 वित्त पोषित परियोजनाओं हेतु केन्द्रांश की धनराशि का अवमुक्त किया जाना, राजकीय नलकूपों का सौर ऊर्जा एवं ग्रिड ऊर्जा के हाइब्रिड माॅडल से संचालन तथा बाढ़ प्रबन्धन कार्यक्रम से सम्बन्धित मामले शामिल हैं। इसी प्रकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा जनपद मुख्यालय को 4-लेन मार्ग/2-लेन विद पेव्ड शोल्डर मार्ग से जोड़ने की योजना में धीमी प्रगति, केन्द्रीय मार्ग निधि योजना के तहत पर्याप्त धनराशि (01 हजार करोड़ रुपए) उपलब्ध कराया जाना तथा राष्ट्रीय राजमार्गों के अनुरक्षण का प्रकरण भेजा गया है।
मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को स्टेबलिशमेण्ट आॅफ न्यू मेडिकल काॅलेजेज़ विद इक्जिस्टिंग डिस्ट्रिक्ट/रेफरल हाॅस्पिटल्स के अंतर्गत निर्माण लागत की सीमा बढ़ाया जाना, ग्राम्य विकास मंत्रालय को राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत निर्माणाधीन पेयजल योजनाओं के लिए प्रतिवर्ष न्यूनतम 1500 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता की आवश्यकता तथा प्रदेश के बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्रों में सरफेज़ सोर्स आधारित पेयजल परियोजनाओं हेतु शत्-प्रतिशत केन्द्रीय सहायता के रूप में 2360 करोड़ रुपए की मांग, विधि एवं न्याय मंत्रालय को अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायालय भवनों एवं न्यायिक अधिकारियों के आवासीय भवनों के निर्माण की योजना में केन्द्रांश अवमुक्त किया जाना तथा संस्कृति मंत्रालय को टैगोर कल्चरल काॅम्प्लेक्स योजना के तहत लखनऊ स्थित राष्ट्रीय कथक संस्थान के भवन के निर्माण के लिए 09 करोड़ रुपए अवमुक्त किया जाना एवं टैगोर कल्चरल काॅम्प्लेक्स मथुरा में आॅडिटोरियम के लिए 14 करोड़ रुपए अवमुक्त किए जाने के प्रकरण प्रेषित किए गए हैं।
गृह मंत्रालय में प्रेषित प्रकरणों में भू-मानचित्रों के डिजिटाइजेशन हेतु 14 करोड़ रुपए की अंतर धनराशि की स्वीकृति, वर्ष 2015 में ओलावृष्टि से कृषि फसलों को हुई क्षति की पूर्ति के लिए राष्ट्रीय आपदा कोष से 4742 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त किया जाना, राज्य आपदा मोचक निधि से लघु और सीमान्त कृषक के साथ ही भूमिहीन लोगों के पशुओं को भी चारा, दवायें आदि दिए जाने सम्बन्धी मानकों में संशोधन, राज्य आपदा मोचक निधि से प्रभावित परिवारों को अहैतुक सहायता दिए जाने के मानकों में संशोधन के विषय शामिल हैं।
श्री सिंघल ने बताया कि रक्षा मंत्रालय को भेजे गए मामलों में प्रदेश के जनपद कन्नौज एवं रामपुर में 02 नये सैनिक स्कूलों की स्थापना, जनपद लखनऊ में दिलकुशा एवं जनेश्वर मिश्र पार्क के मध्य गोमती नदी (पिपरा घाट) सेतु के निर्माण की परियोजना पर सेना द्वारा वर्किंग परमिशन दिया जाना तथा जनपद लखनऊ में लोहिया पथ पर गोमती बैराज से कुकरैल नाले के बाएं तटबंध से होते हुए खुर्रमनगर तक 6-लेन मार्ग एवं आर0ओ0बी0 सह फ्लाईओवर के निर्माण हेतु सेना की भूमि पर वर्किंग परमिशन दिए जाने के मामले शामिल हैं। ऊर्जा मंत्रालय को मेजा तापीय विद्युत गृह से प्रदेश को आंवटित शेयर में वृद्धि, 24ग7 पावर फाॅर आॅल के लिए अतिरिक्त स्वीकृति एवं धनराशि का निर्गमन तथा हाल में कोयले के दामों में हुई वृद्धि का विश्लेषण किए जाने के प्रकरण प्रेषित किए गए हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, स्थाानिक आयुक्त डाॅ प्रभात कुमार भी उपस्थित थे।

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