‘जीडीपी में खनन क्षेत्र का योगदान बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों को केन्द्र के साथ मिलकर काम करना चाहिए’ —केंद्रीय इस्पात और खान मंत्रीनरेन्द्र सिंह तोमर


 

The Union Minister for Mines and Steel, Shri Narendra Singh Tomar delivering the keynote address at the National Meet of Mining Ministers, in Jaipur on May 27, 2016. The Secretary, Shri Balvinder Kumar and the Addl. Secretary, Shri R. Sridharan are also seen.

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जयपुर में खान मंत्रियों की राष्ट्रीय बैठक

जयपुर|    केंद्रीय इस्पात एवं खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज जयपुर में खान मंत्रियों की राष्ट्रीय बैठक की अध्‍यक्षता की। अपने संबोधन में श्री तोमर ने कहा, ‘देश के सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) में खनन क्षेत्र के योगदान को 2.4 फीसदी के वर्तमान स्तर से आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों को निश्‍चि‍त रूप से केन्द्र सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए। खनिज की खोज संबंधी पहल राज्य सरकारों द्वारा की जा सकती हैं क्‍योंकि ज्‍यादा खोज होने से ज्‍यादा खनन संभव हो सकता है और इसकी बदौलत रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास को नई गति मिल सकती है। खान मंत्रालय ने खनन क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए इसरो के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं और राज्‍यों को इस अवसर का लाभ अवश्‍य उठाना चाहिए।’

श्री तोमर ने कहा कि राज्‍यों को यह सुनिश्चित करने का प्रयास अवश्‍य ही करना चाहिए कि एमएमडीआर में संशोधन से पहले दी गई माइनिंग लीज (खनन पट्टों) को जनवरी 2017 की समय सीमा तक वन और पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिल जाए, ताकि पट्टों की तय अवधि‍पहले ही समाप्‍त न हो जाए।

खान मंत्री ने यह भी कहा कि खदानों के लिए जनवरी 2015 में शुरू की गई नीलामी प्रणाली से खनन में भ्रष्टाचार, पक्षपात और भाई-भतीजावाद का युग समाप्त हो गया है। इस क्षेत्र की छवि को और बेहतर करने के लिए हमें जल्द से जल्द जिला खनिज फाउंडेशन स्थापित करने की जरूरत है, ताकि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के जरिए विभिन्‍न क्षेत्रों के विकास और खनन से प्रभावित लोगों के कल्याण का कार्य पूरी गंभीरता के साथ शुरू किया जा सके। राज्य सरकारों को अवैध खनन रोकने से संबंधित संशोधित एमएमडीआर अधिनियम के प्रावधानों का उपयोग शुरू कर देना चाहिए, ताकि इसे हतोत्साहित करने वाले उदाहरण पेश किए जा सकें। हालांकि, अंतिम उद्देश्य एक ऐसा माहौल बनाने का होना चाहिए जिसमें खनिक खुद ही अपनी सामाजिक-आर्थिक जिम्मेदारियों को समझ सके और उन्‍हें पूरा करने के लिए तत्‍पर हो सकें। इस प्रयोजन के लिए हमने खदानों हेतु स्टार रेटिंग सिस्टम शुरू किया है, ताकि सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करने वाले आत्म प्रेरित शीर्ष निष्‍पादकों की पहचान की जा सके।

भारत सरकार में खान सचिव श्री बलविंदर कुमार ने राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों से जिला खनिज फाउंडेशन की स्थापना की दिशा में काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण नीति को अगले दो महीनों में अधिसूचित किए जाने की संभावना है।

नौ राज्यों के खनन मंत्रियों ने इस बैठक में भाग लिया, जो संबंधित राज्यों में खनन का प्रभार संभाल रहे हैं। इन राज्‍यों में छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और नगालैंड शामिल हैं।

खान मंत्रालय, 25 राज्यों और अन्य सरकारी विभागों की ओर से वरिष्ठ स्तर के 60 से अधिक प्रतिनिधियों ने भी इस बैठक में भाग लिया। इस एक दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न सत्र आयोजित‍किए गए, राज्यों के खान मंत्रियों ने इसे संबोधित किया और इसके साथ ही राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तकनीकी सत्र भी आयोजित‍किए गए।


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