दिल्ली में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का स्मारक बनाया जाएगा: डॉ. महेश शर्मा


The Minister of State for Culture (Independent Charge), Tourism (Independent Charge) and Civil Aviation, Dr. Mahesh Sharma paying homage at the statue of Netaji Subhas Chandra Bose, during the release of the 3rd Set of 25 files pertaining to Netaji Subhas Chandra Bose, in New Delhi on April 29, 2016.

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़ी 25 फाइलों को सार्वजनिक किया गया

वेब पोर्टलwww.netajipapers.gov.in पर किया गया जारी 

  दिल्ली |   केन्द्रीय संस्कृति (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन (स्वतंत्र प्रभार) तथा नागर विमानन राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा ने यहां राष्ट्रीय अभिलेखागार, भारत में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़ी 25 फाइलों को सार्वजनिक किया और उन्हें वेब पोर्टल www.netajipapers.gov.in पर ऑनलाइन जारी किया। यह नेताजी से जुड़ी सार्वजनिक की गईं फाइलों की तीसरी खेप है। इस अवसर पर मंत्री  ने कहा कि लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करने के लिए सरकार दिल्ली में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का स्मारक बनवाएगी।

उन्होंने कहा कि नेताजी से जुड़ी फाइलों को गोपनीयता सूची से हटाकर उन्हें सार्वजनिक करने की प्रक्रिया एक सतत प्रक्रिया है। इसे लोगों की लगातार की जा रही मांग के मद्देनजर सार्वजनिक किया जा रहा है ताकि वह इन्हें पढ़ सकें। इसके अलावा सार्वजनिक की गई ये फाइलें स्वतंत्रता संग्राम का नेतत्व करने वाले सेनानियों पर आगे का शोध करने में उनकी मदद करेंगी।

सार्वजनिक की गईं इन 25 फाइलों की खेप में 05 फाइलें प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से,05 फाइलें गृह मंत्रालय (एमएचए) से और 15 फाइलें विदेश मंत्रालय (एमईए) से हैं। ये फाइलें 1956 से 2009 की अवधि से संबंधित हैं।

नेताजी से जुड़ी 100 फाइलों की पहली खेप सबसे पहले 23 जनवरी, 2016 को नेताजी के जन्मदिन की 119वीं सालगिरह के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वेब पोर्टलwww.netajipapers.gov.in पर सार्वजनिक की गई थी। 50 फाइलों की दूसरी खेप केन्द्रीय संस्कृति (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन (स्वतंत्र प्रभार) तथा नागर विमानन राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा द्वारा 29 मार्च,2016 को वेब पोर्टल पर जारी की गई थी।

इन फाइल्स ने उस विशेष रूप से गठित समिति की जांच को पार कर लिया जिसमें अभिलेखागार क्षेत्र के विशेषज्ञ होते हैं जो इन पहलुओं पर नजर रखते हैं:

  1. संरक्षण ईकाई के जरिए फाइलों की स्थिति, आवश्यक मरम्मत करने व जहां भी जरूरत हो, संरक्षण के लिए।
  2. वेब पोर्टल www.netajipapers.gov.in पर डिजिटाइज्ड रिकोर्ड्स को अपलोड करने के लिए डिजिटलीकरण की गुणवत्ता सत्यापित करने के लिए
  3. यह जांचना कि फाइलों में कहीं दोहराव तो नहीं है।

: इंटरनेट पर शोधार्थियों और आम जनता के इस्तेमाल के लिए जारी किया जाना है।

1997 में भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार ने गोपनीय सूची से हटाई गई 990 फाइलें रक्षा मंत्रालय से प्राप्त कीं जो कि इंडियन नेशनल आर्मी (आजाद हिंद फौज) से संबंधित थीं। 2012 में गृह मंत्रालय से खोसला कमिशन (271 फाइलें/आइटम) और जस्टिस मुखर्जी कमिशन (759 फाइलें/आइटम) से जुड़ी 1030 फाइलें प्राप्त कीं। ये सभी फाइलें/आइटम पहले ही पब्लिक रिकॉर्ड्स नियम, 1997 के तहत जनता के समझ सार्वजनिक हैं।


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