उत्तराखंड:केंद्र को हाईकोर्ट की फटकार,कहा-बंद करो मनमानी


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देहरादून। उत्तराखंड संकट पर सख्त रूख अपनाते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने गुरूवार को केंद्र सरकार को कडी फटकार लगाई। अदालत ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र अपनी मनमानी बंद करे। मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी।
मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ एवं न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ के समक्ष गुरूवार को मामले की सुनवाई हुई। नैनीताल हाईकोर्ट की युगलपीठ ने गुरूवार को कहा कि केंद्र सरकार को राष्ट्रपति शासन के मामले में अब मनमानी बंद कर देनी चाहिए। हम याचिकाकर्ता के हितों की रक्षा करेंगे। अगर केंद्र की मनमानी यूं ही जारी रही तो उत्तराखंड से धारा-356 हटा दी जाएगी। कोर्ट ने कहा, केंद्र उत्तराखंड में अभी कुछ भी कार्रवाई न करे।
इसके साथ ही उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार को उच्च न्यायालय में एक नई याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने कहा है कि विधानसभा में बहुमत साबित करने का मौका पहले कांग्रेस को मिले, न कि भाजपा को। बजट अध्यादेश के मामले में  न्यायालय ने केंद्र को 12 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है। बजट अध्यादेश पर अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।
अदालत में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने वाली याचिका और बजट अध्यादेश पर सुबह 11 बजे सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई शुरू होते ही अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बजट अध्यादेश पर अदालत से वक्त मांगा लेकिन अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका विरोध किया। सिंघवी का कहना था कि केंद्र सरकार मामले को लटकाना चाहती है। बुधवार को भी कोर्ट में दिनभर सुनवाई हुई थी।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से बहस की तैयारी के लिए बुधवार की कार्यवाही रोककर कुछ समय और मांगा गया, लेकिन अदालत ने इन्कार करते हुए मामले की सुनवाई जारी रखी। केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने गुरूवार को बहस की। पूर्व सीएम हरीश रावत की ओर से सर्वोच्च न्यायालय से पैरवी करने आए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार दिनभर बहस की थी। गौरतलब है कि विधानसभा में 31 मार्च को मतदान के जरिए बहुमत साबित करने के हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को केंद्र सरकार ने चुनौती दी थी। –

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