मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने मंत्रियों और विधायकों की सोचे —-पाठक


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लखनऊ |  भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि भाजपा के सांसद जनता को मुहँ भी दिखायेंगे और जनता के पास भी जायेंगे, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने मंत्रियों और विधायकों की सोचे। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री ने प्रगतिशील बजट पेश करते हुए भाजपा के सांसदों को जनता में जाने और उन्हें बताने के ढेरों मौके दिये है किन्तु सपाई सरकार पूरे होते वादे का नारा गढ़ रही है बेरोजगारी भत्ता, लैपटाप, किसान कर्जमांफी के वादों का क्या हुआ, हाईस्कूल पास छात्रों को टैबलेट बटे क्या ?
सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के केन्द्रीय बजट पर दी गई प्रतिक्रिया के दौरान उनके कथन ‘अब जनता को कैसे मुहँ दिखायेगे बीजेपी के सांसद’ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री सड़क योजना में 27 हजार करोड़ खर्च किये जाने के बजट में प्रावधान किये गये है और योजना को 2019 के पहले पूर्ण किया जाना है, स्वाभाविक है उ0प्र0 बड़ा राज्य फिर उ0प्र0 के हिस्से में ये भी तो धनराशि आयेगी। 14वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अनुसार ग्राम पंचायतों एवं नगर पालिकाओं को 2.87 लाख करोड़ रुपए की अनुदान सहायता दी जाएगी। इसका अर्थ यह हुआ कि प्रति ग्राम पंचायत 81 लाख रुपए एवं प्रति नगर पालिका 21 करोड़ रुपए अनुदान सहायता दी जाएगी। क्या वो उ0प्र0 के हिस्से में नहीं आयेगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्र की सरकार ने बगैर किसी भेद-भाव के सभी गांवों को 01 मई 2018 तक ऊर्जाकृत किये जाने का लक्ष्य रखा है। स्वाभाविक है कि उ0प्र0 का हिस्सा बड़ा होगा। गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराने के लिए व्यापक अभियान चलाये जाने की योजना है। 2016-17 में 1.5 करोड़ गरीब परिवारों को लाभन्वित किये जाने का लक्ष्य है, परिवार के महिला सदस्यों के नाम एलपीजी कनेक्शन दिये जायेगे। देश के कुल 5.35 उचित दर के दुकानों में से 3 लाख दुकानों को मार्च 2017 तक आटोमेट किया जाना है। तो क्या ये उ0प्र0 के हिस्से में नहीं होगा।
श्री पाठक ने कहा कि विशेष पैकेज की मांग करते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राज्य की योजनाओं के प्रति खुद ही संजीदा नहीं है राज्य के विकास को लेकर तभी तो वे केन्द्रीय बजट के पेश होने ठीक 2 दिन पहले 27 फरवरी को देश के वित्तमंत्री को उ0प्र0 की जरूरतों से जुड़े प्रस्तावों को 2016-17 के केन्द्रीय बजट में जोड़ने का जिक्र करते है जब कि वो राज्य के मुख्यमंत्री के साथ-साथ वित्तमंत्री भी है अखिलेश यादव, जानते है कि बजट के प्रस्तावों में आग्रह का समय क्या होना चाहिए। ऐसा नहीं है कि उन्होंने यह केन्द्रीय बजट पेश होने के पहले किया यही काम उन्होंने 25 फरवरी को रेल बजट के पेश होने के ठीक पहले 23 फरवरी को पत्र लिखकर रेल से जुड़े विषयों पर ध्यान दिलाया।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि रेल बजट फिर आम बजट और अब बजट आने के बाद मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी अपनी नाकामियों का ठीकरा केन्द्र पर सहयोग न करने के आरोप मढ़ काम चलाने में जुटी है।

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