राज्यपाल के दो वर्ष पूरे,दो वर्ष में मुख्यमंत्री को लिखे 175 पत्र
लखनऊ, । राज्यपाल राम नाईक ने आज राजभवन में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जवाबदेही, पारदर्शिता एवं जनसंवाद बनाये रखने के उद्देश्य से 102 पृष्ठ का सचित्र कार्यवृत्त राजभवन में राम नाईक 2015.16 प्रस्तुत किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि संविधान के दायरे में रहते हुए मैंने अपने दायित्व का निर्वहन किया।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 4 विधेयक विचाराधीन थे तथा 24 विधेयक विधान मण्डल से पारित होकर उनकी अनुमति हेतु प्रेषित किये गये थे। 20 विशेयकों पर उन्होंने अपनी अनुमति प्रदान की है तथा 5 विधेयकों पर राष्ट्रपति की अनुमति की आवश्यकता होने पर इन विधेयकों को राष्ट्रपति को भेजा गया है। 2 विधेयकों को राज्य विधान मण्डल के पुनर्विचार हेतु वापस भेजा गया है तथा राजभवन में 1 विधेयक उघर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग संशोधन विधेयक 2015 विचाराधीन है।
उन्होनेे विधान परिषद सदस्यों के नाम निर्देशन का कार्यवृत्त में उल्लेख करते हुए बताया कि 29 अपै्रल 2016 को बलवंत सिंह रामूवालिया समाज सेवा, जहीर हसन वसीम बरेलवी साहित्य, मधुकर जेटली समाज सेवा के नाम पर तथा 27 मई 2016 को डा. राजपाल कश्यप समाज सेवा, अरविंद सिंह समाज सेवा, डा. संजय लाठर समाज सेवा एवं साहित्य के नाम पर उनके द्वारा सहमति दी गयी। गत वर्ष 4 विधान परिषद सदस्यों श्रीराम सिंह यादव, श्रीमती लीलावती कुशवाहा, रामवृक्ष सिंह यादव, जितेन्मय यादव के नाम पर 2 जुलाई 2015 को सहमति दी। इसके अलावा 31 अक्टूबर 2015 को हुए मंत्रिमण्डल विस्तार में 5 को मंत्री, 8 को राज्य मंत्री स्वतंत्र म.भार एवं 8 को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाने तथा 27 जून को हुए मंत्रिमण्डल विस्तार में 2 को मंत्री तथा 2 को राज्य मंत्री स्वतंत्र म.भार पद की शपथ दिलाने के साथ 1 को मंत्री पद हेतु नामित किये जाने का उल्लेख किया है। उन्होने कहा कि कुलाबि;ापति के रूप में किये गये कार्यों के बारे में बताया गया है कि 22 विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह पारम्परिक वेशभूषा में सम्पन्न हुए।
उन्होंने बताया कि अब 2015-16 में 6,682 एवं गत वर्ष 5,810 व्यक्तियों से मिले एवं 47,865 पत्र गत वर्ष 44,066 जनसामान्य ने अपनी समस्याओं के बारे उन्हें पत्र भेजे। उन्होने बताया कि 23, 19 पत्र राष्ट्र्रपति, 55, 37 प्रधानमंत्री, 93, 64 पत्र उपराष्ट्रपति एवं 398 पत्र केन्द्रीय मंत्रियों और 175 पत्र मुख्यमंत्री को भेजा। पूर्व राजभवन में तैनात उपनिरीक्षक कुलदीप सिंह ने राज्यपाल के दो वर्ष के कार्यकाल पूर्ण होने पर स्वयं द्वारा लिखित कविता का स्मृति चिन्ह उन्हें भेंट किया।