आठ राज्यों की 12 विधानसभा सीटों में हुए उपचुनाव के नतीजों आ गए हैं। इस उपचुनाव में उत्तर प्रदेश पर सभी पार्टियों की नजर टिकी हुई थी क्योंकि यहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा को जबर्दस्त कामयाबी मिली है। यहां मुजफ्फनगर सीट भाजपा ने समाजवादी पार्टी से छिन ली है। वहीं फैजाबाद के बीकापुर सीट पर समाजवादी पार्टी उम्मीदवार आनंद सेन यादव ने जीत दर्ज की है जबकि सहारनपुर के देवबंद सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार माविया अली ने सपा के मीना राणा को 3 हजार 424 वोटों से हराकर जीत दर्ज की है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के तीन, जबकि तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार और त्रिपुरा की 1-1 सीटों पर 13 फरवरी को उपचुनाव हुए थे।
बिहार में रालोसपा की जीत
बिहार के मधुबनी जिले में हरलाखी विधानसभा उपचुनाव का परिणाम एक बार फिर एनडीए के पक्ष में गया है। एनडीए में शामिल रालोसपा उम्मीदवार सुधांशु शेखर ने इस सीट पर जीत दर्ज कर ली है। सुधांशु शेखर ने कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद शब्बीर को 18 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया है।
शिवसेना ने बचा ली पालघर विधानसभा सीट
शिवसेना पालघर विधानसभा सीट को बचाने में कामयाब रही है। इसके उम्मीदवार अमित घोडा ने कांग्रेस के उम्मीदवार राजेंद्र गावित को 18,948 वोटों से हराकर इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। घोडा को 67,129 वोट मिले हैं जबकि गावित को 48,181 वोट मिले हैं। शिवसेना के तत्कालीन विधायक कृष्ण अर्जुन घोडा के निधन के कारण उपचुनाव जरूरी हो गए थे। घोडा का निधन 24 मई 2015 को हृदयाघात के चलते हो गया था। उपचुनाव में उनके बेटे अमित को शिवसेना की ओर से टिकट दिया गया था।
तेलंगाना में टीआरएस ने कांग्रेस से छीनी नारायणखेड सीट
जीत का सिलसिला कायम रखते हुए सत्तारूढ़ टीआरएस ने कांग्रेस से मेडक जिले की नारायणखेड विधानसभा सीट छीन ली। टीआरएस उम्मीदवार भूपाल रेड्डी ने 53,625 मतों के अंतर से इस सीट के लिए हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की। कांग्रेस उम्मीदवार पी संजीव रेड्डी को महज 39,451 मत मिले जबकि तेदेपा के एम विजयपाल रेड्डी केवल 14,787 वोट जुटा सके। इस सीट को अब तक कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। इस जीत से मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली टीआरएस का मनोबल और बढ़ेगा जिसने हाल ही में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में 150 में से 99 सीटों पर कब्जा जमाया था। संजीव रेड्डी के पिता पी के रेड्डी के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था। विजयी उम्मीदवार ने मतगणना के पहले चरण से लेकर आखिरी चरण तक अपनी बढ़त कायम रखी।
त्रिपुरा उपचुनाव में माकपा ने जीत हासिल की
सत्तारूढ़ माकपा ने त्रिपुरा के गोमती जिले में बीरगंज उपचुनाव में जीत दर्ज की। पार्टी प्रत्याशी परिमल देबनाथ ने भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 10,597 मतों के अंतर से शिकस्त दी। देबनाथ को 20,355 मत मिले जबकि भाजपा के रंजीत दास को 9,758 मत मिले। कांग्रेस प्रत्याशी चंचल डे को केवल 1,231 मत मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। उप चुनाव 13 फरवरी को कराया गया था। यह सीट पिछले साल 10 दिसंबर को विधानसभा से मनोरंजन आचार्यजी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। उन्हें नैतिक पतन के आरोपों पर माकपा से निष्कासित कर दिया गया था।
खडूर साहिब उपचुनाव में शिअद की जीत
खडूर साहिब विधानसभा सीट उपचुनाव में सत्तारुढ़ शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने जीत हासिल की। पार्टी के प्रत्याशी रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय प्रत्याशी भूपिंदर सिंह को 65,664 मतों के अंतर से पराजित किया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। ब्रह्मपुरा ने भूपिंदर सिंह को पराजित किया जो कांग्रेस से अलग हो गये थे और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे। रविंदर ब्रह्मपुरा 65,664 मतों से विजयी हुए। अन्य निर्दलीय प्रत्याशी सुमेल सिंह सिद्धू को सिर्फ 2,243 मत मिले। वह आप से अलग होकर चुनाव मैदान में उतरे थे। पिछले साल गुरुग्रंथ साहिब के अपवित्रीकरण के खिलाफ कांग्रेस विधायक रामजीत सिंह सिक्की के इस्तीफे के बाद सीट खाली होने पर उपचुनाव कराया गया था।
मैहर सीट हुई भाजपा के नाम
मध्यप्रदेश के सतना जिले की मैहर विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नारायण त्रिपाठी ने अपने नजदीकी कांग्रेस प्रत्याशी मनीष पटेल को 27 हजार 544 मतों से हराकर ये सीट कांग्रेस से छीनकर भाजपा की झोली में डाल दी। मतगणना के दौरान भाजपा के त्रिपाठी को 82 हजार 703 मत हासिल हुए, जबकि पटेल को 55 हजार 159 मत मिले। अन्य सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। मैदान में कुल 15 प्रत्याशी थे। मध्यप्रदेश के रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद पार्टी के लिए ये सीट खासी अहम बनी हुई थी। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में त्रिपाठी यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर विजयी हुए थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़कर बाद में भाजपा की सदस्यता ले ली थी। उनके विधानसभा से इस्तीफा देने के कारण सीट खाली हो गई थी।
कर्नाटक में भाजपा दो और कांग्रेस एक सीट पर विजयी
कर्नाटक विधानसभा की तीन सीटों के लिए हुए उपचुनाव में विपक्षी भाजपा को दो सीटों पर कामयाबी मिली वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस को सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा। इन नतीजों को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के लिए झटका माना जा रहा है। इन तीनों सीटों पर गत शुक्रवार को मतदान कराया गया था। सीधे मुकाबले में भाजपा ने बेंगलुरू की हेब्बल सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा और रायचूर जिले की देवदुर्ग सीट कांग्रेस से छीन ली वहीं कांग्रेस ने उत्तरी कर्नाटक में बीदर सीट अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी से छीन ली।