केन्द्र दो साल में एक चैथाई भी वादे पूरे नहीं किये: मायावती


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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के राष्टड्ढ्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज अपने आवास पर विभिन्न मुद्दों को लेकर केन्द्र मोदी सरकार एवं यूपी की अखिलेश सरकार पर जमकर निशाना साधा।उन्होने कहा कि बीजेपी ने इस बार 16 वीं लोकसभा के हुये आमचुनाव में पूरे देश की जनता को और ख़ासकर यहाँ उत्तर प्रदेश की जनता को केन्द्र की सत्ता में आने के बाद जो किस्म-किस्म के प्रलोभन-भरे अनेकों चुनावी वायदे किये थे, जिन्हें अब इस पार्टी ने अपने दो वर्षों के कार्यकाल में एक-चैथाई भी पूरे नहीं किये हैं, जिसकी वजह से जनता में भाजपा के प्रति काफी नाराजगी है।

इस अवसर पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार कमज़ोरियों व विफलताओं पर से पर्दा डालने के लिए इन्होंने अभी हाल ही में अकेले एक छोटे से असम राज्य में वहाँ अपनी सरकार बनाके फिर इसकी आड़ में अपनी सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर इसका बड़े-पैमाने पर पूरे देशभर में जश्न मनाया है, जिसके प्रचार व प्रसार पर इन्होंने देश की जनता का अरबों, खरबों रुपये सरकारी धन पानी की तरह बहाया है जबकि इसी धन को ये लोग देश में सूखे से पीड़ित किसानों एवं अन्य ज़रुरतमन्द गऱीब व असहाय लोगों के ऊपर भी खर्च कर सकते थे और यह सब अपने देश की जनता से छिपा नहीं है। इतना ही नहीं बल्कि अभी हाल ही में देश के कुछ राज्यों में हुये राज्यसभा व विधान परिषद के चुनाव खत्म होने के तुरन्त बाद ही खासकर उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने अपनी पार्टी की दो दिनों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक प्रदेश में कुछ समय के बाद विधानसभा के होने वाले आमचुनाव को ध्यान में रखकर यह सोचकर बुलायी थी कि इन्होंने यहाँ उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी के विधायकों की संख्या को जानते हुये भी केवल खऱीद-फरोख़्त के आधार पर एक और ज्यादा विधान परिषद व राज्यसभा के लिए उम्मीद्वार जिताकर फिर उसे प्रदेश में बुलायी गयी अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के जरिये यहाँ उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा आमचुनाव में भुनाने व बिगुल बजाने की भी इनकी एक यह सोची-समझी रणनीति थी, जिसमें भाजपा अपने इन दोनों उम्मीद्वारों के हारने के बाद अब ज़मीन पर आ गयी है। लेकिन अपनी इस हार व रणनीति पर से प्रदेश की जनता का ध्यान हटाने के लिए फिर इस भारतीय जनता पार्टी ने बिना कोई देरी किये हुये तुरन्त ही एक सोची-समझी रणनीति व साज़िश के तहत् पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना क्षेत्र के कुछ लोगों का पलायन करने का मामला कुछ ही घन्टों के अन्दर मीडिया आदि में ज़बर्दस्त गरम करके फिर यहाँ पूरे उत्तर प्रदेश में इन्होंने ऐसा प्रचार किया कि जैसे वहाँ मुसलमानों ने ही हिन्दुओं को जबरन पलायन करने के लिए मजबूर किया हो।

इतना ही नहीं बल्कि इसकी आड़ में यहाँ हिन्दू-मुस्लिम दंगे-फिसाद कराने की भी इनकी बहुत बड़ी घिनौनी साजिश थी, उन्होने कहा कि कांग्रेस व बीजेपी के शासनकाल में यहाँ से लोगों का अधिकांश अपनी रोटी-रोज़ी के लिये ही ख़ासकर दिल्ली व मुम्बई आदि जैसे अनेकों और बड़े-बड़े शहरों में पलायन हुआ है। लेकिन वर्तमान सपा सरकार में भी अकेले यहाँ कैराना क्षेत्र से ही नहीं बल्कि प्रदेश के और भी अन्य ज़िलों से व ख़ासकर बुन्देलखण्ड के क्षेत्र से जो व्यापक पलायन हुआ है जो अभी तक भी जारी है। वहीं उन्होने अखिलेश सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता की मांग है कि प्रदेश में सपा सरकार को तुरन्त बखऱ्ास्त करके व यहाँ राष्ट्रपति शासन लागू करके यथाशीघ्र ही विधानसभा का आमचुनाव कराया जाये। लेकिन हमें कतई भी ऐसा सम्भव होता हुआ नजर नहीं आ रहा है।

इसलिए मेरी उत्तर प्रदेश की जनता से यह पुरजोर अपील है कि वे लोग सावधान रहें । उन्होने कहा कि कल इलाहाबाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी रैली के दौरान ख़ासकर सपा सरकार के भ्रष्टाचारों के खि़लाफ बसपा शासनकाल में कार्रवाई नहीं किये जाने की जो बात कही है, वह ग़लत व सही तथ्यों से परे है। अर्थात् नरेन्द्र मोदी को यह जानकारी अवश्य ही होनी चाहिये थी कि पिछले सपा शासनकाल के बहु-चर्चित ख़ासकर पुलिस भर्ती घोटाला मामले में व्यापक भ्रष्टाचार की उच्च-स्तरीय जाँच मेरी ही सरकार द्वारा कराई गई थी। अनेकों वरिष्ठ पुलिस अफसर उस जांच से प्रभावित भी हुये थे, और फिर यह मामला न्यायालय में लम्बित रहा, जिसे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के स्तर पर भी सभी को मालूम है। उन्होने कहा कि बसपा सरकार द्वारा ही मुलायम सिंह यादव के शासनकाल में मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष में बड़े पैमाने पर हुये भ्रष्टाचार की भी जाँच कराई गई थी और यह जाँच पूरे प्रदेश स्तर पर हुई थी।


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