प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को जल्द मिलेगी भवनों की चाभी


लखनऊ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष/मंडलायुक्त रंजन कुमार व उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने शारदानगर विस्तार स्थित प्रधानमंत्री आवासों का किया निरीक्षण

लखनऊ |लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा शारदानगर विस्तार योजना में बनाये गये प्रधानमंत्री आवास जल्द ही आबादी से गुलजार होंगे। आचार संहिता समाप्त होने पर योजना के लाभार्थियों को भवनों की चाभी सौपी जायेगी। इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पूरी तैयारी कर ली है। बुधवार को प्राधिकरण के अध्यक्ष/मंडलायुक्त रंजन कुमार व उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने शारदानगर विस्तार स्थित प्रधानमंत्री आवासों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्यों का जायजा लिया और सुविधाओं को उन्नत करने के निर्देश दिये।

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि कालोनी का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक से किया गया है, जिसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिले हैं। उन्होंने बताया कि कालोनी में छोटे बच्चों के खेलने के लिए आकर्षक झूले लगाये गये हैं। इसके अलावा बड़े बच्चांे व वयस्कों के लिए बैडमिंटन, बास्केट बाॅल एवं वाॅलीबाॅल कोर्ट का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कालोनी में सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम समेत अन्य जरूरी सुविधाएं विकसित की गई हैं। लोगों की सुविधा के लिए यहां कम्यूनिटी सेंटर व इण्टर कालेज की भी व्यवस्था की जा रही है। उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि एलडीए द्वारा कालोनी में रहने वाली महिलाओं को समाज में आगे लाने और आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के उद्देश्य से भी काम किया जा रहा है। इसके लिए गुजरात की कुछ समाज सेवी संस्थाओं की मदद से कालोनी की महिलाओं के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम भी संचालित कराया जाएगा।

मुख्य अभियंता इंदुशेखर सिंह ने बताया कि कालोनी में शार्ट पैनल व्हाइट टाॅपिंग तकनीकी से सड़क बनाई गई है, जोकि 20 वर्ष से भी अधिक समय तक चलेगी। तकनीकी का इस्तेमाल प्रदेश में पहली बार लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन प्रधानमंत्री आवासों को बनाने में एलडीए द्वारा विशिष्ट निर्माण तकनीकी एवं विशिष्ट भवन निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया है। जिससे भवनों के निर्माण के दौरान लगभग 6 करोड लीटर पानी, पांच हजार मीट्रिक टन मिट्टी और 3600 मीट्रिक टन स्टील की बचत की गई है। इस प्रकार यहां लगभग 50 हजार मीट्रिक टन काॅर्बन डाईआॅक्साइड का उत्सर्जन रोका गया है। इन भवनों को ऊर्जा दक्षता में पांच सितारा रेटिंग व पर्यावरण अनुकूलता में गोल्ड सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है।

इसके साथ ही इस परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर हुडको द्वारा इनोवेटिव तकनीकी के अंतर्गत पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह परियोजना प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सबसे कम लागत की हाउसिंग परियोजनाओं में से एक है।


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