पटना.बिहार सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी का जो ऐतिहासिक फैसला लिया था, वह लागू हो गया है। प्रदेश में देसी और मसालेदार शराब का उत्पादन, परिवहन बिक्री पूरी तरह बंद हो गई। शुक्रवार से विदेशी शराब की बिक्री भी केवल बिवरेजेज कॉरपोरेशन की दुकानों (यानी सरकारी दुकानों) से ही होगी। अब सिर्फ 650 दुकानों से होगी शराब की बिक्री…
अभी तक प्रदेश में देसी और विदेशी मिलाकर कुल 4771 शराब की दुकानें थीं जो अब घटकर सिर्फ 650 रह जाएंगी। देसी मसालेदार शराब की दुकानों से शराब लेकर नष्ट करने का सिलसिला गुरुवार देर रात तक चलता रहा।
गांवों में पूर्ण शराबबंदी
राज्य के ग्रामीण इलाकों में पूर्ण शराबबंदी और शहरी इलाकों में भी देसी-मसालेदार शराब पर प्रतिबंध लागू करने के लिए गुरुवार देर शाम उत्पाद, मद्य निषेध और निबंधन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। इसके पहले कैबिनेट की बैठक में उत्पाद संशोधन विधेयक की धारा 19 (4) में संशोधन किया गया। इसमें प्रावधान किया गया है कि बिहार में देसी-मसालेदार शराब के उत्पादन, परिवहन, पैकिंग और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। इससे पहले विधानमंडल द्वारा पास किए गए उत्पाद संशोधन विधेयक 2016 गुरुवार को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई थी।
नगर निगम नगर परिषद में ही दुकानें
विदेशी शराब की दुकानें नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्र में ही होगी। हालांकि अभी तक कितनी सरकारी दुकानें खुली हैं इसको लेकर ऊहापोह की स्थिति है। हालांकि बीएसबीसीएल के सूत्रों का कहना है कि पहले दिन यानी एक अप्रैल को केवल 300 खुदरा दुकानों पर ही शराब की बिक्री हो सकेगी।
हर दुकान पर एक दर्जन कर्मी
प्रत्येक दुकान पर एक दर्जन कर्मियों की तैनाती हुई है। एक शॉप मैनेजर, तीन डिलेवरी मैन, दो कंप्यूटर ऑपरेटर, चार होमगार्ड के जवान और दो निजी कंपनी के सिक्यूरिटी गार्ड होंगे।