डॉ. हर्षवर्धन ने वैज्ञानिकों से “बड़ा सपना देखने और उसे पूरा करने की दिशा में काम” करने को कहा


 

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लखनऊ  |    केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लखनऊ में सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्‍थान (आईआईटीआर) में विशिष्‍ट सभा को संबोधित करते हुए संस्‍थान द्वारा पर्यावरण और मानव स्‍वास्‍थ्‍य तथा खाद्य सुरक्षा एवं जल की गुणवत्ता के क्षेत्र में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि सीएसआईआर-आईआईटीआर देश में पर्यावरण और स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं के निवारण का केंद्र होना चाहिए।

डॉ. हर्षवर्धन ने आम लोगों के लिए किफायती प्रौद्योगिकी विकसित करने की आवश्‍कयता पर जोर दिया ताकि उनके जीवन स्‍तर में सुधार लाया जा सके। उन्‍होंने कहा कि भारत एक विशाल राष्‍ट्र है, जिसकी जरूरतें अलग-अलग हैं इसलिए इस समय तैयार समाधानों की आवश्‍यकता है। सरकार प्रोन्‍नत अनुसंधान और विकास के जरिये बदलती प्रौद्योगिकियों का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।  उन्‍होंने सभी को सपने देखने के बारे में कहते हुए बताया कि सपना साकार होने की खुशी और संतोष शब्‍दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उन्‍होंने पोलियो उन्‍मूलन कार्यक्रम के अपने अनुभव के बारे में भी बताया।

डॉ. हर्षवर्धन ने संस्‍थान के स्‍वर्ण जयंती के प्रतीक‍ के रूप में सीएसआईआर/आईआईटीआर के मुख्‍य भवन पर में ‘विश्‍व विज्ञान भवन’ के नाम की पट्टिका का अनावरण किया।  उन्‍होंने संस्‍थान के पहले दो निदेशकों के नाम पर सभागार और सम्‍मेलन कक्ष का नाम क्रमश: प्रो.सीब्‍ते हसन जैदी सभागार और प्रो. सी आर कृष्‍णमूर्ति सम्‍मेलन कक्ष रखा।

 

डॉ. हर्षवर्धन ने संस्‍थान के अनुसंधान और विकास गतिविधियों को दर्शाती विभिन्‍न प्रदर्शनियों का भी बड़ी उत्‍सुकता से अवलोकन किया।

 

सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक प्रो.आलोक धवन ने  चालू परियोजनाओं के बारे में विस्‍तृत प्रस्‍तुति दी और सार्वजनिक, निजी, रणनीतिक तथा सामाजिक वस्‍तुओं में संस्‍थान की भूमिका के बारे में बताया। उन्‍होंने जानकारी दी कि संस्‍थान की गति‍विधियां स्‍वच्‍छ भारत, स्‍वस्‍थ भारत, कौशल भारत, नमामि गंगा और मेक इन इंडिया जैसे राष्‍ट्रीय अभियानों के अनुरूप है।


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