दिल्ली | केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह 8 जुलाई को यहां ब्रिक्स देशों के मादक द्रव्य नियंत्रण एजेंसियों के प्रमुखों की मादक द्रव्य रोधी कार्य समूह की द्वितीय बैठक का उद्घाटन करेंगे। इस बैठक का आयोजन मादक द्रव्य (नारकोटिक्स) नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा किया जा रहा है। सदस्य देशों के शिष्टमंडलों के अतिरिक्त, संबंधित देशों के राजदूत भी उद्घाटन सत्र में भाग लेंगे। सीमा चौकसी बलों एवं अर्ध सैन्य बलों के महानिदेशकों के भी खुफिया ब्यूरो एवं केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी खुफिया एवं जांच एजेंसियों के प्रमुखों के साथ साथ इस उद्घाटन सत्र में भाग लेने की उम्मीद है।
ब्रिक्स ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका से निर्मित्त पांच बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक संगठन है जिसने भविष्य के आर्थिक सहयोग एवं वित्तीय संस्थानों में सुधार लाने के लिए एक फोरम के रूप में काम करना प्रारंभ किया था। सातवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन रूस में जुलाई, 2015 में आयोजित किया गया था एवं भारत अक्तूबर, 2016 में गोवा में आठवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
दक्षिण अफ्रीका के डरबन में मार्च, 2013 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान लागू किए ‘ई-थेकवानी घोषणापत्र’ के अनुरूप, आर्थिक मुद्वों के अतिरिक्त, मादक द्रव्य मुद्वों समेत, सदस्य देशों के बीच सहयोग के विभिन्न नए क्षेत्रों की खोज करने का फैसला किया गया। फैसला किया गया कि ब्रिक्स मादक द्रव्य रोधी कार्य समूह बैठक के तत्वाधान में पांच सदस्य देशों की मादक द्रव्य रोधी एजेंसियों के प्रमुखों की नियमित अंतराल पर बैठक आयोजित की जाए। ‘ई-थेकवानी घोषणापत्र’ की भावना के अनुरूप, ब्रिक्स देशों की मादक द्रव्य रोधी कार्यसमूह की प्रथम बैठक नवंबर, 2015 में रूस के मास्को में आयोजित की गई थी।
भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो के महानिदेशक श्री राजीव राय भटनागर करेंगे एवं यह शिष्टमंडल वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय के नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो के अधिकारियों से निर्मित्त होगा।
भाग लेने वाले देशों के शिष्टमंडल पूरे दिन मादक द्रव्य से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्वों पर विचार विमर्श करेंगे। विचार विमर्श के लिए उठाए जाने वाले एजेंडा विषयों में सिथेंटिक मादक द्रव्यों एवं नई मनो सक्रिय तत्वों की प्रारंभिक पहचान समेत नई मानसिक सक्रिय अवयवों की अवैध तस्करी पर सूचना आदान प्रदान तंत्र को बेहतर बनाना, सामुद्रिक मादक द्रव्य तस्करी, अवैध सिथेंटिक मादक द्रव्यों के विनिर्माण के लिए पूर्ववर्तियों एवं नियंत्रित रसायनों का विचलन आदि शामिल होगें। एजेंडा प्रवर्तन एजेंसियों के कर्मचारियों के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण तथा मादक द्रव्यों से पीडित व्यक्तियों के पुनर्वास एवं पुन-र्सामाजिकीकरण पर भी फोकस करेगा।
बैठक में सदस्य देशों में मादक द्रव्य दुरूपयोग की स्थिति का मूल्यांकन और ब्रिक्स के सदस्य देशों के कानूनों का विश्लेषण किया जाएगा। साथ ही, बैठक में सदस्य देशों में पालन किए जा रहे प्रवर्तन एवं मांग में कमी लाने के सबसे अच्छे प्रचलनों को साझा करने के तौर तरीकों की भी खोज की जाएगी।