नई दिल्ली/इस्लामाबाद: सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने इस्लामाबाद गए गृहमंत्री राजनाथ सिंह अपना दौरा बीच में ही रोककर भारत वापस लौट आए हैं. राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान में आकंतवाद के मुद्दे पर जमकर लताड़ लगाई. राजनाथ सिंह अब संसद के दोनों सदनों में अपने पाकिस्तान दौरे और पाक की ‘ना’पाक करतूत की जानकारी देंगे. राजनाथ सिंह पाकिस्तान में 20 घंटे भी नहीं रुके. राजनाथ सिंह के भाषण के ब्लैकआउट की खबरों पर विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है राजनाथ सिंह के सार्क सम्मेलन में दिए भाषण पर रोक नहीं लगाई गयी.
पाकिस्तान दौरे पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में आतंकवाद को लेकर नसीहत दी है। सार्क समिट में इस्लामाबाद पहुंचे राजनाथ ने कहा है कि आतंकियों का महिमामंडन बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद होता है, इसलिए आतंकवादियों को शहीद ना बताएं।
राजनाथ ने कहा कि आतंकवाद और आतंकवादियों की केवल निंदा करना पर्याप्त नहीं है। कोई भी अच्छा आतंकवादी या बुरा आतंकवादी नहीं होता आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद होता है। उन्होंने पाकिस्तान से आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने को भी कहा। राजनाथ ने कहा कि जो लोग आतंकवादियों और आतंकवाद को सहयोग, प्रोत्साहन, शरणस्थल, सुरक्षित पनाहगाह और सहायता मुहैया कराते हैं उन्हें अलग-थलग किया जाना चाहिए।
गौर हो कि दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लेने यहां आए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदस्य देशों के अपने समकक्ष मंत्रियों के साथ आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की। राजनाथ दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जिसने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ उनके कार्यालय में मुलाकात की।
एक अधिकारी ने कहा, ‘यह सामान्य शिष्टाचार भेंट थी।’ दक्षेस देशों के मंत्रियों का यह प्रतिनिधिमंडल तकरीबन 20 मिनट तक शरीफ के साथ रहा और इस दौरान केवल शुभकामनाओं का आदान प्रदान हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई। भारत के वरिष्ठ नेता के साथ शरीफ की यह मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है, जब दोनों देशों के रिश्तों में तनाव है। कश्मीर में 8 जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तल्खी बढ़ी है।
राजनाथ के शरीफ से मुलाकात करने वाले संयुक्त प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के बारे में फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय में कल देर रात गृह और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की कई दौर की मंत्रणा के बाद लिया गया। आठ सदस्यीय दक्षेस में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका हैं।
|