हुनर हाट और ओ0डी0ओ0पी0 आत्मनिर्भर भारत बनाने और रोजगार का बढ़िया माध्यम—मुख्यमंत्री योगी


मुख्यमंत्री ने लखनऊ में 24वें हुनर हाट का शुभारम्भ किया

लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हुनर हाट क्राफ्ट, क्यूजीन और कल्चर का अद्भुत संगम है। आत्मनिर्भर भारत बनाने में भारतीय दस्तकारी कला व परम्परागत उद्योग अत्यन्त महत्वपूर्ण हंै। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से भारतीय हुनर को नई पहचान मिली है। प्रधानमंत्री ने लोकल को वोकल और फिर उसे ग्लोबल बनाने का जो संकल्प लिया है, वही भारत को वैश्विक पहचान दिला रहा है।

मुख्यमंत्री आज यहां अवध शिल्पग्राम में आयोजित 24वें हुनर हाट का शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि हुनर हाट का आयोजन अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। हुनर हाट 04 फरवरी, 2021 तक आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने स्वाधीनता आन्दोलन के महानायक और भारत माता के महान सपूत नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती पर आयोजित हुनर हाट में, देश के कोने-कोने से आये कारीगरों, शिल्पकारों, दस्तकारों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि हमारे स्वत्रंता सेनानियों ने सदियों से गुलामी की बेड़ियों से देश को मुक्त कराने के लिए स्वदेशी के मूल मंत्र का उद्घोष किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार हुनर हाट कार्यक्रम में ओ0डी0ओ0पी0 को भी जोड़ा गया है। वर्तमान सरकार परम्परागत उद्योगों को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए आवश्यक है कि परम्परागत उद्योगों को एक अच्छा प्लेटफाॅर्म दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की ओ0डी0ओ0पी0 योजना देश की एक अभिनव योजना है। लखनऊ की चिकनकारी, भदोही की कालीन, वाराणसी का सिल्क, गोरखपुर का टेराकोटा, फिरोजाबाद का ग्लास उद्योग, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, आगरा एवं कानपुर की लेदर कारीगरी ने विशिष्ट पहचान बनायी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनिया में कहीं भी प्रदर्शनी लगती है तो हुनर हाट से जुड़े लोग उसमें प्रतिभाग करते हैं। हुनर हाट में देश के विभिन्न क्षेत्रों के व्यंजन का स्वाद लिया जा सकता है और भारत के परम्परागत खान-पान, रहन-सहन और वेश-भूषा को भी देखा जा सकता है, जो अनेकता में एकता का संदेश देता है। पिछले हुनर हाट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पहले यह आयोजन एक सप्ताह का था, लेकिन लोगों की भारी मांग पर इसे बढ़ाकर 15 दिनों तक संचालित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भारत आजाद हुआ था तब प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति की आय के बराबर थी। बीच के कालखण्ड में परम्परागत उद्योग को महत्व नहीं दिया गया। इसका परिणाम रहा कि जहां देश की प्रति व्यक्ति आय 01 लाख 20 हजार रुपये थी, वहीं उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय मात्र 43 हजार रुपये ही थी। वर्तमान राज्य सरकार के गठन के बाद उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 43 हजार रुपये से बढ़कर 70 हजार रुपये हो गयी है, अर्थात आय बढ़ाने में ओ0डी0ओ0पी0 ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। हुनर हाट और ओ0डी0ओ0पी0 आत्मनिर्भर भारत बनाने और रोजगार का बढ़िया माध्यम है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने हुनर हाट को अन्तर्राष्ट्रीय मंच प्रदान किया है, जिसमें 05 हजार से अधिक कारीगर इस हुनर हाट से जुड़े हुए हैं।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हुनर हाट के माध्यम से दस्तकारी और शिल्पकारी को नई पहचान मिली है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी, कच्छ से लेकर कटक तक भारतीय परम्परागत उद्योगों को एक प्लेटफाॅर्म मिला है।
श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का जो संकल्प लिया है, उसे पूरा करने के लिए हम सभी को पूरी प्रतिबद्धता से जुटना होगा। उन्होंने कहा कि हुनर हाट ने वैश्विक पहचान बनायी है। कई देशों ने अपने यहां हुनर हाट आयोजित करने के लिए प्रस्ताव भी भेजे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी प्रदेश का समावेशी विकास कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में हुनर की काफी सम्भावनाएं हैं, इसलिए इसे हुनर हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।
  इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, एम0एस0एम0ई0 मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह, वित्त मंत्री श्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह ओलख, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्री मोहसिन रजा, विधान परिषद सदस्य श्री स्वतंत्र देव सिंह, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।


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