एलडीए ने बसपा के पूर्व सांसद दाउद अहमद की अवैध बिल्डिंग गिराई ,कीमत करीब 50 करोड़


गिराने में प्रशासन को 5 घंटे लगे। इस दौरान एक हादसा भी हुआ। बिल्डिंग का मलबा पोकलैंड पर गिर पड़ा। जिसके चलते ड्राइवर मलबे के बीच फंस गया

लखनऊ | बसपा से निष्कासित पूर्व सांसद दाउद अहमद पर लखनऊ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रशासन ने रविवार की सुबह यहां रिवर बैंक कॉलोनी में दाउद अहमद की 5 मंजिला इमारत को जमींदोज कर दिया। इसकी कीमत करीब 50 करोड़ बताई जा रही है। इसे गिराने में प्रशासन को 5 घंटे लगे। इस दौरान एक हादसा भी हुआ। बिल्डिंग का मलबा पोकलैंड पर गिर पड़ा। जिसके चलते ड्राइवर मलबे के बीच फंस गया। उसे 45 मिनट के रेस्क्यू के बाद बाहर निकाल लिया। वह सुरक्षित है।

प्रशासन के मुताबिक, दाउद की ये बिल्डिंग अवैध तरीके से तैयार करवाई गई थी। निर्माण के लिए पुरातत्व विभाग से NOC नहीं ली गई थी, जबकि विभाग बार-बार नोटिस जारी कर रहा था। बावजूद इसके, दाउद ने अवैध निर्माण को नहीं गिरवाया। अब लखनऊ प्रशासन ने नगर निगम, ASI और पुलिस विभाग के साथ मिलकर बिल्डिंग पर बुल्डोजर चलाया है।

बिल्डिंग गिराने में फेल हो चुका था एलडीए

बिल्डिंग पांच मंजिला बनाई गई है। इसमें केवल फिनिशिंग काम बचा था।

इस बिल्डिंग का नक्शा भी एलडीए के अधिकारियों ने बिना एएसआई की अनापत्ति के ही स्वीकृत कर दिया था। हालांकि बाद में विरोध के बाद इसको निरस्त कर दिया। अब एएसआई के आदेश पर जिला प्रशासन और पुलिस के लोग संयुक्त अभियान चलाकर इमारत को ध्वस्त कर रहे हैं। ये बिल्डिंग रेजीडेंसी के नजदीक है और इस सीमा के भीतर ऊंचे निर्माण प्रतिबंधित है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की ओर से इस अवैध बिल्डिंग को गिराने की कोशिश पूर्व में की गई थी। लेकिन रसूख और कागजों में फंसा कर इसको रोक दिया गया था। तब नक्शा पास होने और अन्य कई कारण बताते हुए कार्रवाई रोकी गई थी। इस बिल्डिंग को लेकर बाद में एएसआई के संयुक्त निदेशक ने पूर्व सांसद दाउद को नोटिस जारी किया था। इसमें कहा गया था कि सात दिन में ये निर्माण खुद हटा लें। हटाए न जाने की दशा में प्रशासन की जेसीबी मशीनों ने इमारत को ध्वस्त करना शुरू कर देगा।

रविवार सुबह सात बजे से ही बिल्डिंग को गिराने के लिए कार्रवाई की गई। विरोध की आशंका को लेकर पुलिस फोर्स को भी बुला लिया गया था। हालांकि, कोई विरोध के लिए सामने नहीं आया। बिल्डिंग पांच मंजिला बनाई गई है। इसमें केवल फिनिशिंग काम बचा था।

बाहर पिलर्स तोड़ते वक्त गिरा मलबा

पोकलैंड मशीन पर गिरे मलबे को हटाने में जुटे लोग।

अपार्टमेंट के भीतरी हिस्से में बने पिलर्स मजदूरों की मदद से तोड़े गए। इसके बाद बाहरी पिलर पोकलैंड मशीन की मदद से तोड़ा जाना था। यह पिलर टूटते ही पूरी इमारत अपने आप गिर जाती। हालांकि इस दौरान इंजीनियर इस बात का अंदाजा नहीं लगा सके कि पिलर टूटने के बाद इमारत सीधे मशीन की तरफ ही गिरेगी। यहां तक की ड्राइवर भी पिलर तोड़ने के बाद उतनी तेजी से पीछे नहीं हट पाया। इस बीच इमारत भरभराकर सीधे मशीन की तरफ ही गिरी और पोकलैंड मलबे में दब गई। हालांकि पोकलैंड के भीतर ड्राइवर के चारों तरफ लोहे का केबिन था जिसके चलते उसे गंभीर चोटें नहीं आयी हैं।

इंजीनियरों की रही लापरवाही

मौके पर करीब छह से ज्यादा जूनियर इंजीनियर थे। लेकिन वह यह अंदाजा नहीं लगा सके कि बिल्डिंग कितनी तेजी से गिरेगी। बिल्डिंग पोकलैंड के ऊपर ही गिर। लोहे का केबिन होने की वजह से ड्राइवर को गंभीर चोट नहीं आई। हालांकि इस दौरान करीब 45 मिनट के मेहनत के बाद उसको निकाला गया और केजीएमयू में भर्ती करा दिया गया है। जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसको स्वस्थ घोषित किया गया है। हालांकि उसकी बाकी जांच चल रही है।


Scroll To Top
Translate »