लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने जारी किया आदेश, सचिव, अपर
सचिव, संयुक्त सचिव व मुख्य नगर नियोजक को जोनवार निरीक्षण की जिम्मेदारी
अवैध प्लाटिंग, रो-हाउस, व्यावसायिक निर्माण व बहुमंजिला इमारतों की शीर्ष प्राथमिकता पर
होगी जांच, प्रभावी कार्यवाही न करने वाले फील्ड स्टाफ के खिलाफ भी देनी होगी रिपोर्ट
लखनऊ | शहर में अवैध निर्माण/प्लाटिंग पर अंकुश लगाने के लिए अब वरिष्ठ अफसर खुद फील्ड पर
उतरकर निरीक्षण करेंगे। इसमें न सिर्फ नये अवैध निर्माणों को चिन्हित किया जाएगा, बल्कि जिन
अवैध निर्माणों के खिलाफ सीलिंग की कार्यवाही की गयी है, उनकी वर्तमान स्थिति भी देखी जाएगी।
साथ ही कार्य में लापरवाही बरतने वाले फील्ड स्टाॅफ के खिलाफ कार्यवाही के लिए जांचकर्ता
अधिकारी को रिपोर्ट भी देनी होगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी
ने इस सम्बंध में आदेश जारी किये हैं।
उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अवैध निर्माण/प्लाटिंग के खिलाफ प्राधिकरण
द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन, जन सामान्य द्वारा अभी भी अलग-अलग जगहों
पर अवैध निर्माण होने की सूचना एवं शिकायत दी जा रही है। इसलिए प्रवर्तन जोन द्वारा अवैध
निर्माण/प्लाटिंग के खिलाफ की जा रही कार्यवाही का भौतिक सत्यापन कराने का निर्णय लिया
गया है। इसके लिए सचिव विवेक श्रीवास्तव को जोन-1, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा को जोन-4 एवं
जोन-5, संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह को जोन-2 एवं जोन-3 और मुख्य नगर नियोजक
के0के0 गौतम को जोन-6 एवं जोन-7 के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
उक्त अधिकारी खुद फील्ड पर उतरकर अवैध निर्माण एवं प्लाटिंग का निरीक्षण करेंगे। इसम ें
खास तौर से अवैध प्लाटिंग, रो-हाउस, व्यावसायिक निर्माण, अवैध बेसमेंट तथा आवासीय
भू-उपयोग में अवैध रूप से संचालित व्यावसायिक निर्माणों का मुआयना करना होगा।
इसके अलावा जोनल अधिकारियों द्वारा जिन अवैध निर्माणों के खिलाफ सीलिंग की कार्यवाही की गयी है,
जांचकर्ता अधिकारी को उनकी वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट स्थल की फोटोग्राफ के साथ देनी होगी।
निरीक्षण में जिन जगहों पर यह पाया जाएगा कि प्रवर्तन जोन के फील्ड स्टाॅफ ने अवैध निर्माण पर
कार्यवाही में शिथिलता बरती है। उनके खिलाफ जांचकर्ता अधिकारी को अनुशासनात्मक कार्यवाही
के लिए स्पष्ट संस्तुति करनी होगी। उपाध्यक्ष ने बताया कि सम्बंधित अधिकारियों को उक्त कार्यवाही
करके दिनांक-01.04.2024 तक उनके समक्ष जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी। जिसके आधार पर अवैध
निर्माण व लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।