लखनऊ, LMRC के एमडी कुमार केशव ने एक बार फिर दावा किया है कि लखनऊ मेट्रो का ट्रायल एक दिसंबर से ही शुरू होगा। मेट्रो कोच बना रही फ्रांस की कंपनी अलस्टॉम तय समय से सात दिन पहले यानी 23 नवंबर को ट्रेन के एक सेट की आपूर्ति करने के लिए तैयार हो गई है। हालांकि 16 नवंबर तक आपूर्ति हो जाए इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यह दावा उस समय किया गया है जबकि मेट्रो ट्रायल शुरू होने में केवल 42 दिन का समय बचा है।
मेट्रो भवन में पत्रकारों से बात करते हुए कुमार केशव ने कहा कि एलएमआरसी की टीम कंपनी के चेन्नई स्थित श्रीसिटी प्लांट का सोमवार को निरीक्षण करके आई है। यहां लखनऊ मेट्रो के सभी चार कोच एक साथ तैयार किए जा रहे हैं। पहले कंपनी एक-एक कर कोच की आपूर्ति करने वाली थी। नई रणनीति के तहत कंपनी अब चारों कोच का निर्माण एक साथ कर रही है। प्लांट में कोचों का काम 70-80 फीसदी तक पूरा हो चुका है। कोचों में दरवाजे लगने के बाद अब इंटीरियर का काम चल रहा है।
कोच मिलने के बाद एक दिसंबर से ट्रायल शुरू करने के लिए ट्रेन की डिपो में जांच के अलावा रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) भी टेस्टिंग कर रिपोर्ट देगी। कुमार केशव ने दावा किया कि हम महज दो साल और दो महीने के अंदर लखनऊ मेट्रो का ट्रायल करने जा रहे हैं। यह पूरे देश के मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए रिकॉर्ड होगा।
एमडी का कहना है कि छह ट्रेनें हमें मार्च में मिल जाएंगी। इनकी जांच में ज्यादा समय नहीं लगेगा। कारण, प्रोटोटाइप ट्रेन की टेस्टिंग में ही सभी खामियों को दूर कर लिया जाएगा। ट्रायल रन साढ़े तीन महीने तक चलेगा।
26 मार्च से रेलवे संरक्षा आयुक्त और आरडीएसओ की रिपोर्ट के बाद कॉमर्शियल संचालन शुरू कराने की योजना है। हालांकि अनुमति मिलने में देरी होने पर कुछ दिनों का अंतर आ सकता है।
एमडी ने बताया कि मेट्रो के सबस्टेशन का काम पूरा हो गया है और इसे बिजली मिलने लगी है। दो दिन पहले इसे हमने अपने ऑग्जिलरी सबस्टेशन से भी जोड़ दिया है। इससे अक्टूबर के अंत तक हम डिपो के अंदर और नवंबर के पहले सप्ताह में मेट्रोलाइन की ओएचई को चार्ज कर देंगे। इससे मेट्रो के सभी काम अपने सबस्टेशन से मिलने वाली बिजली से होने लगेंगे। अभी तक डिपो का काम 40 किलोवाट के कनेक्शन और जनरेटर से चल रहा था।
एलएमआरसी ने अपने स्टेशनों पर एस्केलेटर्स लगाने का काम शुरू कर दिया है। पहला एस्केलेटर ट्रांसपोर्टनगर मेट्रो स्टेशन पर लगाया गया है। सभी स्टेशनों पर दो-दो एस्केलेटर्स लगाए जाने हैं। निदेशक दलजीत सिंह ने बताया कि मवैया स्पेशल स्पैन का काम तेजी से चल रहा है। हम 65 फीसदी काम पूरा करा चुके हैं।
यह तकनीकी रूप से बेहद कठिन काम है। इसके बावजूद हम दिसंबर में इस काम को पूरा कर देंगे। इसके बाद ट्रायल रन चारबाग तक हो सकेगा। यात्रियों के लिए 26 मार्च से संचालन होने पर पहली मेट्रो ट्रांसपोर्टनगर से चारबाग के बीच ही चलेगी।