अखिलेश राज में मुसलमानों को सिर्फ दंगे मिले हैं: सिराज मेंहदी


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लखनऊ: सपा मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के हितों के लिए गिनाये जा रहे कार्यों एवं उपलब्धियों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व एम.एल.सी. हाजी सिराज मेंहदी ने श्री यादव के बयान को पूरी तरह झूठा, मिथ्या एवं भ्रामक करार दिया है। सिराज मेंहदी ने कहा कि विगत चार वर्षों में अखिलेश यादव सरकार ने यदि सबसे ज्यादा अल्पसंख्यकों को दिया है तो वह लगभग 130 साम्प्रदायिक दंगे हैं जिसे प्रदेश सरकार ने विधानसभा में खुद स्वीकार भी किया है।
प्रदेश के इतिहास में पहली बार पश्चिमी उ0प्र0 में हिन्दू-मुस्लिमों को बांटने और आमने-सामने खड़ा करने की उपलब्धि इस सरकार की रही है। इतना ही नहीं मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 14 वर्ष के लम्बे इन्तजार के बाद उर्दू को दूसरी भाषा का दर्जा दिये जाने के दिये गये फैसले को प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक लागू नहीं किया गया। श्री मेंहदी ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने अपने चार वर्ष के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों के हितों के लिए कोई काम नहीं किये। विगत विधानसभा के चुनावी घोषणापत्र में जो वादे किये गये थे उसका एक भी हिस्सा पूरा नहीं किया गया। अल्पसंख्यकों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा, अल्पसंख्यक समुदाय के जेलों में बंद बेगुनाह लोगों की जांच कराकर जेल से रिहा कराने का वादा, शासन एवं जिलों में प्रमुख पदों पर अल्पसंख्यक अधिकारियों/कर्मचारियेां नियुक्ति का वादा एवं अल्पसंख्यकों की बेहतर शिक्षा का वादा, मुस्लिमों के हितों की सुरक्षा के लिए थानों में थानेदारों की नियुक्ति समेत सभी वायदे सिर्फ छलावा बनकर रह गये। विकास के नाम पर वादा सिर्फ खोखला साबित हुआ है जिसका उदाहरण लखनऊ की गोमती नदी और पुराने लखनऊ की बदहाल व्यवस्था खुद बयां कर रही है।
श्री मेंहदी ने कहा कि मदरसों के शिक्षकों और छात्रों को परेशान करने की नीयत से मदरसों की परीक्षाएं इण्टर कालेजों में कराये जाने का निर्णय किसके दबाव में लिया गया तथा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में शैक्षिक एवं आर्थिक तरक्की तथा अल्पसख्ंयक छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए बजट में धनराशि की कटौती किया जाना तथा कांग्रेस शासनकाल में अल्पसंख्यकों की बहबूदी के लिए गठित किये गये अल्पसंख्यक विभाग के बजट का 40 प्रतिशत हिस्सा भी खर्च न किया जाना, क्या आर0एस0एस0 और भाजपा को खुश करने के लिए किया गया है, इसका खुलासा समाजवादी पार्टी को करना चाहिए। कांग्रेस पार्टी यह भी मांग करती है कि अल्पसंख्यक वर्ग के कितने बेरोजगारों को इन चार वर्षों में कितनी नौकरियां दी गयीं, इसको भी प्रदेश सरकार सार्वजनिक करे।

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