नई दिल्ली. राज्यसभा चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया आज समाप्त हो गयी जहां उत्तर प्रदेश और हरियाणा में मुकाबले के आसार हो सकते हैं. केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, निर्मला सीतामरण तथा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम समेत अन्य कई नेताओं ने उच्च सदन के लिए नामांकन दाखिल किये हैं.
उत्तर प्रदेश में मुकाबला रोचक हो गया है जहां सामाजिक कार्यकर्ता प्रीति महापात्र ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर समय सीमा समाप्त होने से पहले अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इसके साथ अब 11 खाली सीटों के लिए 12 प्रत्याशी होने से मतदान होना तय हो गया है. भाजपा के कई विधायक, छोटे दलों के सदस्य और निर्दलीय विधायक प्रीति का समर्थन कर रहे हैं.
इसके अलावा इस प्रदेश से राज्यसभा के लिए सपा के सात प्रत्याशी जबकि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा समेत दो उम्मीदवार हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और भाजपा के शिव प्रताप शुक्ला भी मैदान में हैं. उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ सपा के 229 विधायक हैं. बसपा के 80, भाजपा के 41 और कांग्रेस के 29 सदस्य हैं. इसके अलावा कुछ सदस्य छोटे दलों के और निर्दलीय हैं. प्रत्येक उम्मीदवार को जीतने के लिए 37 वोट चाहिए.
आज कई उम्मीदवारों ने समय सीमा समाप्त होने से पहले अपने नामांकन पत्र दाखिल किये जिनमें रेल मंत्री सुरेश प्रभु, मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा, जाने-माने वकील आरके आनंद, मध्य प्रदेश से भाजपा के एमजे अकबर आदि के नाम शामिल हैं. प्रभु को आंध्र प्रदेश से सहयोगी तेलगु देशम पार्टी ने समर्थन का भरोसा दिलाया है. सुभाष चंद्रा और आनंद दोनों ने हरियाणा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा है.
उच्च सदन में 15 राज्यों की 57 सीटों के लिए चुनाव 11 जून को होना है. नामांकन पत्रों की छानबीन एक जून को की जाएगी और नाम वापसी की आखिरी तारीख तीन जून है. महाराष्ट्र से चिदंबरम और पीयूष गोयल के निर्वाचित होने की पूरी संभावना है. इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने राज्यसभा की एक सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल किया.
हरियाणा में सुभाष चंद्रा ने सत्तारूढ़ भाजपा और दलगत राजनीति से हटकर कुछ विधायकों का समर्थन हासिल करने का दावा किया है, वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने आनंद का समर्थन किया जो अतीत में इनेलो उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि, पार्टी के एक नेता ने बताया कि फिलहाल आनंद इनेलो के सदस्य नहीं हैं.
मध्य प्रदेश से एमजे अकबर और भाजपा के वरिष्ठ रणनीतिकार अनिल माधव दवे ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किये. मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिये तीन सीटें रिक्त हो रही हैं. इनमें से दो अनिल माधव दवे और पत्रकार चंदन मित्रा की सीट भाजपा और एक डॉ विजयलक्ष्मी साधो की सीट कांग्रेस के पास थीं. आंध्र प्रदेश में रेल मंत्री प्रभु के अलावा केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री वाईएस चौधरी तथा आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री टीजी वेंकटेश ने तेदेपा उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन भरा.
चौधरी जहां लगातार दूसरी बार संसद के उच्च सदन में जाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं वेंकटेश पहली बार उच्च सदन में जाने के तलबगार हैं. दोनों उद्योगपति से नेता बने हैं. राज्य की 176 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ तेदेपा-भाजपा के संयुक्त रूप से 108 सदस्य हैं. इस संख्या के चलते तेदेपा-भाजपा आसानी से तीन सीटें हासिल कर सकती है.
तेदेपा ने अपनी सहयोगी भाजपा को एक सीट दी है. भाजपा राज्य में नायडू सरकार का हिस्सा है. विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस ने विजयसाई रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है क्योकि पार्टी एक ही सीट जीत सकती है.
बिहार से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने अपना नामांकन दाखिल किया. बिहार से राज्यसभा की पांच सीटों के लिए अन्य उम्मीदवारों में जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और आर सी पी सिंह तथा राजद की ओर से पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद की बडी पुत्री मीसा भारती एवं उच्चतम न्यायालय के मशहूर वकील राम जेठमलानी हैं. पांच सीटें खाली होने से सभी के जीतने की संभावना है.
तेलंगाना राष्ट्र समिति :टीआरएस: के वरिष्ठ नेताओं- डी. श्रीनिवास और कैप्टन वी. लक्ष्मीकांता ने तेलंगाना से राज्यसभा के द्विवाषिर्क चुनाव के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों के तौर पर आज अपना नामांकन दाखिल किया. इन दोनों ही नेताओं के निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना है क्योंकि 11 जून को होने वाले चुनाव के लिए किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया है.
झारखंड से भाजपा की राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष महेश पोद्दार ने अपना नामांकन दाखिल किया. झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार बसंत सोरेन ने भी आज अपना नामांकन दाखिल किया. वह पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के पुत्र हैं.
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू के कर्नाटक से पुन: नामांकन के खिलाफ कन्नड समूहों के विरोध समेत जनता के बढ़ते दबाव के बीच भाजपा की केंद्रीय निर्वाचन समिति ने उनकी जगह पर सीतारमण को खड़ा करने का फैसला किया. नायडू राजस्थान से चुनाव लड़ेंगे.
नायडू के पुन: नामांकन के खिलाफ सोशल मीडिया पर इस आधार पर अभियान शुरू किया गया कि तीन बार राज्यसभा में राज्य का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद उन्होंने कर्नाटक के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया और यहां तक कि कन्नड भी नहीं सीखी.
राज्यसभा से जहां भाजपा के 14 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, वहीं महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड जैसे राज्यों में उसकी सदस्य संख्या में हुई बढ़ोतरी उसके सभी 18 उम्मीदवारों के उच्च सदन में पहुंचने में मददगार हो सकती है. जून से अगस्त के बीच 15 राज्यों के 55 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. राजस्थान से कांग्रेस के आनंद शर्मा और कर्नाटक से निर्दलीय विजय माल्या की भी सीट खाली हो रही है. इस तरह कुल 57 सीटों पर निर्वाचन होना है जिनमें से 14-14 सीटें भाजपा और कांग्रेस की हैं. छह सदस्य बसपा के, पांच जदयू के और तीन-तीन सदस्य सपा, बीजद तथा अन्नाद्रमुक के हैं.
कार्यकाल पूरा कर रहे इन सदस्यों में दो-दो सदस्य द्रमुक, राकांपा और तेदेपा के हैं, वहीं एक सदस्य शिवसेना का है. माल्या निर्दलीय सदस्य थे जिन्होंने पांच मई को इस्तीफा दे दिया था.
सबसे ज्यादा सीटें उत्तर प्रदेश की हैं जहां से 11 सदस्य कार्यकाल पूरा कर रहे हैं.