लोकसभा में PM मोदी ने बताया GST का लाभ, कहा- कंज्यूमर को किंग बनायेगा GST


 

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नयी दिल्ली : लोकसभा में जीएसटी बिल को लेकर जारी चर्चा में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीएसटी का सबसे बड़ा संदेश है’ कंज्यूमर इज किंग’. यह छोटे उद्यमियों को फायदा पहुंचायेगा लेकिन इसका सबसे ज्यादा फायदा उपभोक्ताओं को होने वाला है. उन्होंने कहा कि जीएसटी के आने से टैक्‍स चोरी में कमी आएगी. नये नियम के तहत  कारोबार का रियल टाइम डाटा उपलब्‍ध होगा. इस रियल डाटा से छोटे व्यापारी आसानी से लोन ले पायेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम एक मोती की माला को पिरोने का काम कर रहे हैं जो “एक भारत श्रेष्ठ भारत ” को ताकत देगा.. आज उन्होंने जीएसटी पर बोलते हुए कहा कि आज आठ अगस्त को टैक्स टेररिज्म से मुक्ति पाने की शुरुआत हो रही है. सभी 90 राजनीतिक दलों ने व्यापक मंथन कर जीएसटी पास कराने में हमारा साथ दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम एक मोती की माला को पिरोने का काम कर रहे हैं जो “एक भारत” को ताकत देता है. जीएसटी पास होना किसी दल या सरकार की जीत नहीं बल्कि भारतीय लोकतंत्र की उच्च परंपराओं की विजय है. जीएसटी का मतलब है ग्रेट स्टेप्स बाइ टीम इंडिया. जीएसटी का मायने है ग्रेट स्टेप्स टूवार्ड इन्फार्मेशन.

अपने मुख्यमंत्रीत्व काल को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री रहते समय जीएसटी को लेकर मन में कई संशय थे. जीएसटी से सबसे बड़ा बदलाव यह आयेगा कि अब कंज्यूमर इज किंग हो जायेगा. इससे छोटे उद्यमियों को लाभ होगा और कंज्यूमर को सबसे ज्यादा लाभ होगा. हम जानते हैं कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के भिन्न-भिन्न पहलू होंगे. अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए पांच बातों की ओर ध्यान करते हैं. मेन, मशीन, मनी, मेटरियल व  मिनट. इनका ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन करते हैं. तो हमारे अर्थव्यवस्था में बदलाव आ सकते हैं. उन्होंंने कहा कि जीएसटी से गरीबी से लड़ने में मदद मिलेगी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह जीएसटी कुछ ऐसा है जिसमें गरीबों के उपयोग वाली सभी चीजें जीएसटी की दायरे से बाहर हैं. हमें मालूम है कि हमारे देश में हमेशा चलता रहता है खर्च कम करो, कर्ज बढ़ जायेगा. वित्तीय अनुशासन के लिए एफआरबीएम कानून लाया गया है. उन्होंने कहा कि 2021 तक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की सोच को पहली बार कानूनी जामा पहनाया गया है और यह दर चार प्रतिशत के आसपास होगी.

हमारे देश में एक चर्चा चल रही है ग्रोथ व इन्फ्लेशन की बातें जोड़कर देखी जाती हैं. पहली बार सरकार ने कानूनन रिजर्व बैंक के से कहा है कि चार प्रतिशत मुद्रास्फीति रहनी चाहिए. यह कानूनन किया गया है. उसका लाभ आने वाली दिनों में टैक्स कलेक्शन सिस्टम को मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश आजाद हुआ है. आज भी गरीबी से हम लड़ रहे हैं. गरीबी की खिलाफ लड़ने की इच्छा सबकी है. इकोनॉमिकली इम्पॉवरमेंट ऑफ पुअर, एजुकेशनली इम्पॉवरमेंट आप पुअर. गरीबी के खिलाफ लड़ने के लिए माहौल बनेगा. यह सच्चाई है कि यह आदतें एक दिन में नहीं बदलेगी.

जीएसटी के कारण हर व्यक्ति का कारोबारी खाता सामने रहेगा. कोई भी बैंक लोन देने से इनकार नहीं कर सकता है. जीएसटी की सबसे बड़ी ताकत टेक्नोलॉजी है. इससे रियल टाइम डाटा उपलब्ध होगा. इसके कारण सहज रूप से धन की उपलब्धि होती है तो एक प्रतिस्पर्धा होती है. रोजगार की संभावनाएं बढ़ाने में इस व्यवस्था का असर पड़ने वाला है. टैक्स टू जीडीपी रेशियो का सवाल उठता है. अगर व्यवस्थाएं ठीक होगी तो गलत इंसान को भी सही रहने को मजबूर होना हाेगा. ट्रेडर्स में ये शब्द बहुत प्रसिद्ध है कच्चा बिल और पक्का बिल. कच्चे-पक्के की दुनिया कालेधन को मोबालाइज करती है.

यह एक ऐसी व्यवस्था विकसित हो रही है जिसमें टैक्स पेयर्स व टैक्स कलेक्टर्स के बीच का फेस-टू-फेस इंटरेक्शन खत्म हो जायेगा. जीएसटी के कारण व्यवस्था ही ऐसी बन रही है जिससे ईमानदारी बढ़ेगी. राज्य और केंद्र के आंकड़े एक ही जगह उपलब्ध होंगे. ये सारी चीजे ऑनलाइन होने के कारण पारदर्शिता बढ़ेगी. दुनिया में लोकतंत्र के बड़े देशों में भी वित्तीय बिल को लागू कराने में मुश्किल होती है. इस काम के लिए सभी सदस्य अभिनंदन के अधिकारी हैं.

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