लखनऊ: सपा की सेंट्रल पालियामेंट्री बोर्ड की बैठक में फैसला हुआ है कि कौमी एकता दल का सपा में विलय नहीं होगा। बैठक के बाद सपा महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने मीडिया से कहा, ”मुख्तार अंसारी की पार्टी का सपा में विलय नहीं होगा। वहीं, बर्खास्त किए गए माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव कैबिनेट में फिर से लौटेंगे और 2012 की तरह एक बार फिर सीएम अखिलेश रथयात्रा निकालेंगे।” साथ ही उन्होंने नेशनल एग्जीक्यूटिव में बदलाव के भी संकेत दिए हैं।
सपा की सेंट्रल पालियामेंट्री बोर्ड की बैठक मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में हुआ। बैठक में मुख्तार पर महाभारत चली। नेता जी के सामने सीएम अखिलेश ने कौमी एकता दल के सपा में विलय का विरोध किया। अखिलेश ने साफ कर दिया था कि वह मुख्तार अंसारी को सपा में कतई स्वीकार करने के मूड में नहीं हैं। वहीं, सपा महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने भी उनका साथ दिया।
सीएम अखिलेश ने सेंट्रल पालियामेंट्री बोर्ड की बैठक से पहले एक पंचायत कार्यक्रम में कहा, ”मैं चाचा के फैसले से सहमत नहीं हूं। मुख्तार अंसारी जैसों का सपा में स्वागत नहीं। मैं मुख्तार के सपा में शामिल होने के खिलाफ हूं।”
कुछ दिन पहले अखिलेश ने कहा था कि नेता जी का जो फैसला होगा, उसे पार्टी के सभी लोग मानेंगे, लेकिन बैठक में उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी। वहीं, कैबिनेट मंत्री और सीएम अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने कहा था नेता जी की मंजूरी मिलने के बाद ही कोएद का सपा में विलय हुआ है। फिलहाल मीटिंग में शिवपाल यादव और आजम खान भी मौजूद हैं। यह बैठक समाजवादी पार्टी मुख्यालय पर हो रही है।
यूपी पूर्वांचल के माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय के बाद से पार्टी में घमासान तेज हो गया था। इससे सीएम अखिलेश यादव काफी नाराज थे। इसकी गाज माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव पर गिरी थी। सीएम ने उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। समाजवादी पार्टी में कौमी एकता दल का विलय में बलराम यादव ने बड़ी भूमिका निभाई थी।