विद्युत अभियन्ताओं का ‘‘वर्क टू रूल’’ आन्दोलन पूर्ण 29 अगस्त से होगा अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार


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लखनऊ। विद्युत अभियन्ता संघ के आह्वान पर पूरे प्रदेश में चल रहे विद्युत अभियन्ताओं के आन्दोलन के तहत चल रहा ‘‘वर्क टू रूल’’ कार्यक्रम आज सायं समाप्त हो गया एवं अगले चरण में 2 अगस्त से ताप विद्युत गृहों एवं कम्पनी मुख्यालयों पर सत्याग्रह किये जाने के क्रम में 2 अगस्त से ओबरा एवं अनपरा ताप विद्युत गृहों पर पूरे दिन के सत्याग्रह से शुरूआत होगी जिसमें केन्द्रीय पदाधिकारी भी शामिल होंगे। यह सत्याग्रह विभिन्न ताप विद्युत गृहों एवं डिस्काॅम मुख्यालयों पर आयोजित किया जायेगा एवं दिनांक 22 अगस्त से पूरे प्रदेश में तीन दिन का कार्य बहिष्कार होगा एवं तब तक प्रबन्धन द्वारा यदि आदेश जारी नहीं किये गये तो दिनांक 29.08.2016 से पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जायेगा।

विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष जी.के. मिश्रा एवं महासचिव डी.सी. दीक्षित ने बयान जारी कर कहा कि पावर कारपोरशेन प्रबन्धन विद्युत अभियन्ताओं के साथ मानमानेपन एवं हठधर्मी व्यवहार कर रहा है यहां तक कि मुख्यमंत्री एवं उ.प्र. शासन द्वारा अनुमोदन प्रदान कर दिये जाने के बाद भी पावर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा 18 फरवरी.2009 के पश्चात् नियुक्त सहायक अभियन्ताओं को 05 प्रारम्भिक वेतन वृद्धियां एवं ग्रेड-पे 6600 प्रदान किये जाने, बिजली अधिकारियों को विभागीय वाहनों पर ‘नीली बत्ती’ के प्रयोग की अनुमति द्वारा प्रदान कर दिये जाने, पदों के सृजन की अनुमति दिये जाने एवं अन्य मांगों पर सहमति एवं अनुमति के बावजूद इनके आदेश जारी नहीं किये गये हैं जिससे अभियन्ता उद्वेलित एवं आक्रोषित हैं। उन्होंने बताया कि सम्बन्धित मांगों के सम्बन्ध में पावर कारपोरेशन प्रबन्धन की वादा खिलाफी के विरूद्ध विद्युत अभियन्ता दिनांक 08.07.2016 से आन्दोलन रत हैं एवं 20 जुलाई को हाईडिल फील्ड हाॅस्टल से शक्ति भवन से मार्च कर अपना आक्रोष व्यक्त कर चुके हैं परन्तु प्रबन्धन की हठधर्मिता के चलते अभी तक किसी भी बिन्दु पर आदेश जारी नहीं किये गये हैं।

पदाधिकारियों ने बताया कि 18 फरवरी 2009 के पश्चात् नियुक्त सहायक अभियन्ताओं को प्रारम्भिक वेतन वृद्धियां एवं ग्रेड-पे 6600 दिये जाने सम्बन्धी पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव पर वित्त विभाग उ.प. शासन द्वारा अनुमोदन प्रदान किया जा चुका है एवं अध्यक्ष महोदय ने यह स्पष्ट रूप से कहा था कि इसके आदेश 14.जून .2016 की निदेशक मण्डल की बैठक में पास कराकर जारी कर दिये जायेगें लेकिन आज तक यह आदेश जारी नहीं किये गये जिससे प्रभावित लगभग 2000 अभियन्ता मायूस हैं क्योंकि उनके ही समकक्ष अभियन्ता उनसे अधिक वेतन पा रहे हैं। 14. जनवरी 2000 के पश्चात् नियुक्त कार्मिकों हेतु एल.एम.वी.-10 की सुविधा समाप्त करने की कोशिश की जा रही है जिससे एक ही संवर्ग के कार्मिकों में आपस में टकराव हो, प्रबन्धन की यह कोशिश कतई स्वीकार्य नहीं है। उत्पादन निगम में वर्ष 2008 से वरिष्ठता निर्धारण का नियम पावर कारपोरेशन की भांति किया जाना है इससे लगभग 100 अभियन्ताओं की वरिष्ठता प्रभावित हुई है, उ.प्र.शासन की अनुरूपता में द्वितीय ए.सी.पी. का स्पष्टीकरण आदेश अंगीकृत नहीं किया जा रहा है जिससे वर्ष 2000 के पश्चात् नियुक्त अभियन्ताओं को द्वितीय ए.सी.पी. का लाभ नहीं मिल पा रहा है इससे लगभग 200 अभियन्ता प्रभावित है।

महासचिव इ. डी.सी. दीक्षित ने बताया कि आन्दोलन के अगले चरण में 2 अगस्त 2016 को ओबरा एवं अनपरा ताप विद्युत गृहों पर, 3. अगस्त.2016 को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मुख्यालय वाराणसी पर, 05 अगस्त.2016 को केस्को मुख्यालय, कानपुर एवं पनकी ताप विद्युत गृह पर, 08. अगस्त .2016 को दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 मुख्यालय आगरा एवं हरदुआगंज ताप विद्युत गृह पर, 12 अगस्त 2016 को पारीछा ताप विद्युत गृह पर, 16 अगस्त 2016 पश्मिांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मुख्यालय मेरठ पर, 20 अगस्त 16 को मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 मुख्यालय लखनऊ पर सत्याग्रह किया जायेगा तथा 22, 23, 24.08.2016 को पूरे प्रदेश में पूरे दिन का कार्य बहिष्कार होगा। यदि तब तक प्रबन्धन ने आदेश जारी नहीं किये तो 29 अगस्त 2016 से पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जायेगा एवं इसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रबन्धन की होगी।


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